Patna, Beforeprint : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने पार्टी के महासचिव श्याम रजक पर गाली-गलौज करने का आरोप लगाया। इसके बाद श्याम रजक की तबीयत अचानक बिगड़ गयी। वह बिहार भवन में श्याम रजक अचानक बेहोश हो गये। आनन-फानन में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उन्हें अस्पताल ले गये।
बता दे दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान अचानक नाराज होकर तेजप्रताप यादव बाहर निकल गये। बाहर निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की कहा कि कल के कार्यक्रम के बारे में पूछने पर राजद नेता श्याम रजक ने मुझे गंदी-गंदी गालियां दी। हमारे पीए को साला कहा और हमारी बहन को भी गाली देने का काम किया। श्याम रजक को आरएसएस का एजेन्ट बताते हुए कहा कि श्याम रजक के गाली देने का ऑडियो सोशल मीडिया पेज पर डालेंगे और बिहार के जनता को सुनाएंगे। कोई गाली सुनने के लिए यहां बैठा है क्या?
तेजप्रताप ने मांग किया कि ऐसे भाजपाईयों को संगठन से बाहर किया जाए। तेजप्रताप ने कहा कि श्याम रजक के खिलाफ केस दर्ज करेंगे। जूता सिलने वाला मंजूर है लेकिन श्याम रजक मंजूर नहीं है। बचपन में इस व्यक्ति के गोद में भी खेला आज वही व्यक्ति मुझे गालियां देने का काम किया है। गलत चीज हम बर्दाश्त नहीं करते हैं। महागठबंधन को लेकर चलने का काम हम कर रहे हैं। सब कोई अपने तरीके से काम कर रहा है। हमने जब कार्यक्रम का समय पूछा तो गाली देने लगे। श्याम रजक को मंत्री नहीं बनने का मलाल है। उनकों लग रहा है कि तेजप्रताप-तेजस्वी नौजवान है कैसे मंत्री बन गया। मेरे मंत्री बनने के बाद से वे नाराज चल रहे है। हम लोग मंत्री के लोभी थोड़े ही है हम अपने पद से इस्तीफा दे देते है तो पर्यावरण विभाग को चलाइए लेकिन इस तरह की गंदी-गंदी गालियां ना दें।
मैं श्याम रजक के ऊपर दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में एफआईआर करूंगा। श्याम रजक को हमेशा अपने चाचा के सामान माना एक समय था जब उन्हें मंच पर नहीं बैठाया गया था तब हमने हाथ पकड़कर मंच पर बैठाया था और आज वहीं आदमी भद्दी-भद्दी गाली दे रहे हैं। गाली देने का ऑडियो हमने सभी को भेजा है। फेसबुक पर भी डालूंगा पूरा बिहार देखेगा।
इस मामले पर श्याम रजक कहा कि तेजप्रताप के आरोपों पर मुझे कुछ नहीं कहना। हालांकि बाद में राजद नेता श्याम रजक ने तेजप्रताप के बारे में कहा कि जब से मंत्री बने हैं तब से फोन नहीं उठाते पीए से फोन करवाते है। हमलोग भी मंत्री थे तब डायरेक्ट सबसे बात किया करते थे। ‘समरथ के होत ना कोई दोष गोसाई’ जो सामर्थ्यवान व्यक्ति होता है उसको कुछ भी कहने का अधिकार है। मैं दलित समाज से हूं। दलित बंधुआ मजदूर होता है, मैं बंधुआ मजदूर हूं। वे जो भी कह रहे हैं सामर्थ्य के आधार पर कह रहे हैं।