Sandeep Singh : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। अक्सर जिम्मेदार अफसर इन घटनाओं पर पर्दा डालने की कोशिश करते हैं। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ही सारी चीज साफ कर दी है। उन्होंने छठ घाट के निरीक्षण के दौरान खुद को लगी चोट के बारे में मीडिया को बताया।
उन्होंने खुद ही बताया कि पेट और पैर में चोट लगी थी। उनके पेट में अब भी पट्टी बंधी हुई है। उन्होंने अपना कुर्ता हटाकर जख्म भी दिखाया। सीएम ने बताया कि डाक्टर ने जख्म वाली जगह को सुरक्षित रखने को कहा है। उन्हें अब भी दिक्कत है, जिसके कारण वे अपनी कार की अगली सीट पर नहीं बैठ सकते हैं।
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गत 15 अक्टूबर को पटना के गंगा घाटों का जायजा लेने के लिए निकले थे। वह स्टीमर पर सवार होकर छठ पूजा के लिए इंतजामों का जायजा ले रहे थे। इसी बीच उनके साथ हादसा हो गया। इसी हादसे में मुख्यमंत्री को काफी चोट लगी थी। हालांकि तब अफसरों ने सीएम को कोई चोट लगने की बात से पूरी तरह इंकार कर दिया था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना के गंगा घाटों का निरीक्षण किया। उन्होंने पाटी पुल घाट का भी निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ हादसा होते-होते बचा। मिली जानकारी के अनुसार गंगा जेपी सेतु पुल पर चढ़ने के क्रम में उनकी गाड़ी ढलान पर ही रुक गई। किसी तरह सीएम की कार धीरे-धीरे ऊपर चढ़ाई गई। इस बीच पीछे से पुलिस के जवान दौड़ पड़े, ताकि सीएम की कार पीछे न लुढक जाए।
सीएम की सुरक्षा में लगातार चूक
नीतीश कुमार की सुरक्षा की चूक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। गत दिनों पटना जिले के बख्तियारपुर में एक शख्स सुरक्षा घेरे को लांघकर नीतीश कुमार के बिल्कुल करीब पहुंच गया। वह नीतीश कुमार पर हमला करने वाला ही था कि आसपास के लोगों ने उसे पकड़ा। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान मंच के नीचे आतिशबाजी वाला बम फेंकने की घटना हो चुकी है। कुछ दिनों पहले पटना के नजदीक सीएम के कारकेड पर उग्र भीड़ ने हमला कर दिया, हालांकि तब नीतीश कुमार काफिले में नहीं थे।
नीतीश कुमार ने भी जताया आश्चर्य
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद भी इस हादसे को लेकर आश्चर्य जताया। उन्होंने अपने कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहा कि वर्ष 2006 से ही लगातार छठ घाटों का निरीक्षण करते आ रहे हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। 15 अक्टूबर को हुए हादसे के बाद दो-तीन दिनों तक मुख्यमंत्री को पूरा आराम करना पड़ा था।