बायो कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, बायो फर्टिलाइजर की आवश्यकता अनुरुप उत्पादन जिला में सुनिश्चित करें
ड्रोन टेक्नोलॉजी से फसलों की दवा, उर्वरक छिड़काव को प्रशिक्षण सुनिश्चित करें
क्षेत्रीय विकास परिषद की बैठक में किसान, चीनी मिल पदाधिकारी शामिल हुए
Bettiah, Awadhesh Kumar Sharma : पश्चिम चम्पारण जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को क्षेत्रीय विकास परिषद की बैठक संपन्न हुई। जिसमें जिला के चीनी मिलों के वरीय पदाधिकारी एवं किसान शामिल हुए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विकास परिषद का मुख्य उदेश्य गन्ना विकास तथा गन्ना किसानों की संपन्नता है। गन्ना किसानों के कल्याण एवं उत्थान के लिए निरंतर कार्य किए जाएं। गन्ना विकास के लिए समुचित कार्रवाई सुनिश्चित किए जाएं। कुंदन कुमार ने कहा कि उन्नत किस्म के गन्ना प्रभेद नर्सरी, प्रदर्शन, प्रत्यक्षण, परिवहन, आधुनिकीकरण, उन्नत किस्म के गन्ना बीज की आपूर्ति, कार्बनिक एवं अकार्बनिक खाद, पोषक तत्वों, कीटनाशक दवाओं की आपूर्ति, पौधा संरक्षण के उपाय, विभिन्न कृषि यंत्रों, कृषि छिड़काव यंत्र, प्रशिक्षण, गन्ना उत्पादकता में वृद्धि के लिए सतत कार्य कराना सुनिश्चित करें। सिंचाई सुविधा, आवागमन एवं अन्य आधारभूत सुविधा भी गन्ना किसानों को उपलब्ध कराने के लिए ठोस कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कुछेक गन्ना किसानों की शिकायत रहती है कि चीनी मिल प्रबंधन कुछ विशेष वेरायटी के गन्ना प्रभेदों की ही डिमांड करते हैं।
चीनी मिल प्रबंधन यह प्रयास करें कि गन्ना किसानों के द्वारा उत्पादित सभी तरह के प्रभेदों का क्रय करें। साथ ही गन्ना किसानों को गन्ना विकास विभाग द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं को भी हर हाल में ससमय मुहैया करायी जाय। इस पर हरिनगर एवं नरकटियागंज चीनी मिल के जीएम द्वारा बताया गया कि गन्ना प्रभेदों में मुख्यतः तीन प्रभेद होते हैं, जिसमें अर्ली वेरायटी, मीडियम वेरायटी एवं निम्न वेरायटी है। गन्ना किसानों से सभी तरह के गन्ना वेरायटी का क्रय किया जाता है। उन्होंने बताया कि वाटर लॉगिंग एवं लो लाइन वाले एरिया में गन्ना के कुछ प्रभेद नुकसान हो जाता हैं। गन्ना किसानों को वाटर लॉगिग एवं लो एरिया के मद्देनजर अच्छे प्रभेद के गन्ने का उत्पादन करने को जागरूक किया जाता है।
उन्होंने बताया कि 238 वेरायटी के जन्मदाता वैज्ञानिक, डॉ0 बख्शी से भी इस संबंध में वार्ता की गयी है। इसी महीने में उनका जिले में आगमन हो रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि रेड रोड से गन्ना फसल को बचाने के लिए उनसे मिलना आवश्यक है, इस संबंध में कार्रवाई करें। बैठक में चीनी मिल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि गन्ना प्रभेद 238 एवं 0118 अच्छा प्रभेद है, जिसे जिले के ज्यादातर किसान लगा रहे हैं। आज यह वेरायटी जिले के 95 प्रतिशत भूमि पर है तथा 05 प्रतिशत भूमि पर निम्न वेरायटी है। हरिनगर चीनी मिल के जीएम द्वारा बताया गया कि विगत पांच वर्ष पूर्व मात्र 60 लाख क्विंटल गन्ना की पेराई की जाती थी लेकिन उन्नत प्रभेद आने के फलस्वरूप 01 करोड़ 75 लाख क्विंटल गन्ना की पेराई की जा रही है।
जिला पदाधिकारी ने पूछा कि जिला के चीनी मिल कितनी मात्रा में बायो कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, बायो फर्टिलाईजर का उत्पादन कर रहे हैं। इससे संबंधित रिपोर्ट भी उपलब्ध कराएं। हमे ऐसा प्रयास करना है कि जिला में मांग के अनुरुप बायो कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, बायो फर्टिलाईजर का प्रोडक्शन(उत्पादन) हो सके। इससे रोजगार को बल मिलेगा और जिला आत्मनिर्भर हो सकेगा। बैठक में जिला पदाधिकारी ने कहा कि कुमारबाग इन्डस्ट्रीयल एरिया में एक उद्यमी ने सुगर मिल के उपयोग में आने वाले संयंत्रों को बनाया जा रहा है। विगत दिनों संपन्न हुई बैठक में उस उद्यमी ने अपनी बात रखी। उद्यमी ने बताया कि अगर जिला के चीनी मिल उनके बनाये गये संयंत्र का क्रय करते हैं, तो उनके उद्यम को बल मिलेगा। इस पर सभी चीनी मिल प्रबंधन ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उस उद्यम का शीघ्र अवलोकन किया जायेगा।
संयत्र यदि मानक अनुरुप हुए तो क्रय भी किया जायेगा। चीनी मिल प्रबंधन ने बताया कि कमांडिंग एरिया में फसलों पर ड्रोन के माध्यम से दवा एवं उर्वरक का छिड़काव कराया जा रहा है। इससे काफी मदद मिल रही है। डीसी ने कहा कि यह बहुत ही उन्नत तकनीकि (टेक्नोलॉजी) है। इसके प्रयोग से खेती-किसानी को बहुत सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके लिए ड्रोन संचालन के लिए इच्छुक व्यक्तियों को प्रशिक्षित कराये जाएं। जिला पदाधिकारी ने ईंख पदाधिकारी को निदेश दिया कि क्षेत्रीय विकास परिषद अंतर्गत क्रियान्वित होने वाली योजनाओं की पुनः गहन स्थलीय जांच करना अत्यावश्यक है। उसके बाद संबंधित विभाग से एनओसी प्राप्त कर योजनाओं का क्रियान्वयन कराना सुनिश्चित करें। बैठक में गन्ना किसानो ने मझौलिया चीनी मिल प्रबंधन पर किसानहितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। कृषक ने बताया कि चीनी मिल प्रेस्टीसाइट्स किसानों को नहीं देता है।
ईंख पदाधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय विकास परिषद की राशि भी मझौलिया सुगर मिल द्वारा जमा नहीं करायी गयी है। इसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने मझौलिया चीनी मिल प्रबंधन से कारण पृच्छा करने तथा विगत तीन वर्ष में कितना प्रेस्टीसाइट्स तैयार किया और कितना वितरण किया गया। इसकी सूची उपलब्ध कराने को निदेशित किया, जिसमें गड़बड़ी पाए जाने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई को कहा है। इस अवसर पर ईंख पदाधिकारी वेदव्रत कुमार, श्रीराम सिंह सहायक निदेशक गन्ना विकास, कुंवर सिंह जीएम हरिनगर चीनी मिल, बीएल बाहेपी, न्यू स्वदेशी सुगर मिल नरकटियागंज के जीएम चन्द्रमोहन, बगहा चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक बी एन त्रिपाठी, मझौलिया चीनी मिल के सीनियर केन मैनेजर सुधीर सिंह, लौरिया चीनी मिल के केन मैनेजर जीडी सिंह व क्षेत्रीय विकास परिषद के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।