Bihar : बिहार के भागलपुरी जर्दालू आम का विदेशों में बढ़ी मांग

बिहार

जब प्रधान मंत्री ने किसान सम्मान सम्मेलन में जर्दालु आम की चर्चा की, विवि के वैज्ञानिक खुशी से झूम उठे.

Patna, Vikrant: आप मानें अथवा नहीं माने. पर बिहार की डंका कृषि कार्य को लेकर पूरे देश मे बज रही है. जागता मिशाल भागलपुर की जर्दालु आम है. किसान सम्मान सम्मेलन के दरम्यान देश के प्रधान मंत्री तक ने जर्दालु आम की चर्चा की है. इस आशय की जानकारी बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर भागलपुर के जन संर्पक पदाधिकारी रमेश शर्मा ने जारी विज्ञप्ति के हवाले से दी है।

जब ‘पीएम’ने जर्दालु आम की चर्चा किसान सम्मान सम्मेलन में की भागलपुरी जर्दालू आम की मांग विदेशों में बढ़ रही है। उत्तराखंड का मोटा अनाज डेनमार्क पहुंच रहा है। गुजरात का ड्रैगन फ्रूट भी बड़ी मात्रा में विदेश भेजे जा रहे हैं। अच्छी खेती के लिए देशभर के किसान नई वैज्ञानिक पद्धति को अपना रहे हैं । इससे देश में खेती समृद्ध हो रही है और अन्नदाता दिन प्रतिदिन सशक्त बन रहे हैं।

उक्त बातें सोमवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा के मेला मैदान नई दिल्ली में दो दिवसीय किसान सम्मान सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही।इस कार्यक्रम के लाइव प्रसारण को देखने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने अपने सभी कॉलेजों मैं मुकम्मल व्यवस्था कर रखी थी। छात्र वैज्ञानिक और अधिकारी अपने-अपने कॉलेजों में देख रहे थे। इधर विश्वविद्यालय के मिनी ऑडिटोरियम में भी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को लाइव देखने के लिए विश्वविद्यालय के कृषि अधिष्ठाता डॉक्टर राजेश कुमार, निदेशक शोध डॉ पीके सिंह, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉक्टर आरके सोहाने, डीन पीजी डॉक्टर आरपी शर्मा, कुलसचिव डॉ एसके पाठक, बिहार कृषि कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसएन सिंह सहित बड़ी संख्या में वैज्ञानिक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि जैसे ही प्रधानमंत्री अपने उद्बोधन में भागलपुरी जर्दालू आम का नाम लिए वैसे ही प्रशाल में उपस्थित विश्वविद्यालय के अधिकारियों, वैज्ञानिकों एवं विद्यार्थियों ने तालियां बजाकर अपना हर्ष जताया। सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधि योजना की 12वीं किस्त, 600 पीएम किसान समृद्धि केंद्र और एक राष्ट्र एक उर्वरक कार्यक्रम का रिमोट के माध्यम से भी उद्घाटन किया।प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 8 वर्षों में प्रगति और परिवर्तन के जो हमने बीज बोए हैं वह अब पकने लगी है।

बीज से बाजार तक तकनीकीयों के प्रयोग से सब आधुनिक बन रहा है।कृषि में स्टार्टअप की पहले संख्या एक सौ थी, जो बढ़कर 3000 तक पहुंच गई। इससे किसानों का जीवन सरल हो रहा है।सम्मेलन का आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। इस सम्मेलन का मकसद कृषि का देशभर में बदलते स्वरूप और तकनीक से लोगों को रूबरू करना है।