बिहार : पिता ने जमीन बेचकर पढ़ाया तो बेटे ने यूपीएससी ने 346वीं रैंक लाकर माता-पिता के सपने को किया साकार

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नवादा/बीपी प्रतिनिधि। नवादा के लाल आलोक रंजन ने यूपीएससी की परीक्षा में 346वां स्थान लाकर जिले का नाम रोशन किया है। यह सफलता उन्हें सातवीं बार प्रयास करने पर मिली है। आलोक की सफलता की जानकारी मिलने के बाद उनके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। घर में मिठाइयां बांटी जा रही हैं। साथ ही उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया है। मां भावुक हो गई और आंख से खुशी के आंसू निकलने लगे।

नवादा जिलांतर्गत रोह प्रखंड के गोड़ीयारी गांव निवासी आलोक रंजन की मां सुशीला देवी और पिता नरेश प्रसाद यादव दोनों सरकारी शिक्षक हैं। नरेश प्रसाद यादव ने बताया कि बेटे को जमीन बेच-बेचकर पढ़ाया और आज वह इस मुकाम तक पहुंचा है। आज आलोक की सफलता से पूरे परिवार का सीना गर्व से चौड़ा हो गया हैं।

उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही मेधावी था। उसकी प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही शुरू हुई। 2007 में नवादा के जीवनदीप पब्लिक स्कूल से मैट्रिक किया। उसके बाद वह कोटा चला गया, जहां से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। उसके बाद इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय नई दिल्ली से स्नातक किया।

फिर EEE इंजीनियरिंग किया। उसके बाद 2015 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की। कड़ी मेहनत के बाद सातवें प्रयास में आलोक को सफलता मिल गई और 346वीं रैंक लाकर जिले का नाम रोशन कर दिया। पिता ने भावुक होते हुए बताया कि 15 साल से मेरा बेटा घर नहीं आया है। उसकी जिद थी कि जब तक यूपीएससी में सफलता नहीं मिलेगी, तब तक मुंह नहीं दिखाएगा। आज बेटे ने हम लोगों का सपना साकार कर दिया।

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