Patna, Beforeprint : पटना के शहरी इलाकों में संक्रमण के सरकारी आंकड़ों से खुलासा हुआ है। पटना में डेंगू का सबसे बड़ा खतरा 21 से 30 साल वालों में है। वहीं 51 से 60 साल वालों में खतरा काफी कम है।
वहीं 31 से 40 वर्ष के लोग संक्रमण में तीसरे स्थान पर हैं। पटना में डेंगू की रफ्तार तेज होते हुए 2696 पहुंच गई है, जिसमें 65.39 प्रतिशत पुरुष और 34.6 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। डेंगू ने पिछले 6 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने भी राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है। पटना के राजीव नगर की रहने वाली सुमन कुमारी 5 दिनों से डेंगू से परेशान है। सुमन का कहना है कि वह घर से बाहर तक नहीं निकलती हैं, इसके बाद भी उन्हें डेंगू ने जकड़ लिया है। वह काफी परेशान हैं। पहले तेज बुखार हुआ तो मेडिकल स्टोर से दवा मंगाकर खाई लेकिन जब दो दिनों तक राहत नहीं मिला तो न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में जांच कराई। जांच में डेंगू निकला। इसके बाद वह घर में हैं, सुमन बताती हैं कि घर में भी वह चौथी मंजिल पर रहती हैं। घर में साफ सफाई भी लेकिन कहां से डेंगू हो गया पता ही नहीं चल सका।
शुरुआत में वायरल लगा और बुखार की सामान्य दवाएं खा लिया। लेकिन जब कमजोरी बढ़ गई तो डेंगू की जांच कराई गई। जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। इसके बाद एक सप्ताह से वह घर में पड़े हैं, संक्रमण के 5 दिन बाद से प्लेटलेट्स तो बढ़ गया लेकिन अभी भी काफी कमजोरी होती है। पटना के फिजीशियन डॉ राणा एसपी सिंह का कहना है कि अचानक से डेंगू के मामले बढ़ गए हैं। बुखार के ज्यादातर मामलों में डेंगू की पुष्टि हो रही है। ऐसे लोगों को घबराना नहीं है, समस्या का समाधान साफ सफाई के साथ अच्छे से उपचार से होगा। डॉक्टर का कहना है कि खाने में सावधानी रखी जाए तो डेंगू से अधिक से अधिक 10 दिनों में उबरा जा सकता है।
डॉ राणा एसपी सिंह का कहना है कि वह अब तक 3 हजार से अधिक मरीजों का इलाज कर चुके हैं। एक दो मरीजों को ही प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ी है। किसी तरह से बुखार हो, खुद से दवाएं नहीं लें। बिना जांच के बुखार की दवा पैरासीटामॉल खा सकते हैं, लेकिन दर्द की दवाएं बिना चिकित्सक की सलाह के नहीं लेना चाहिए। उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव खुद मोर्चा संभाले हुए हैं। पटना में फॉगिंग के लिए तेजस्वी यादव ने 100 बड़े वाहन और 380 बाइक पर फॉगिंग मशीनों को रवाना किया है। इसके साथ ही डेंगू से लड़ाई के लिए पटना में 4 विभागों को लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग और नगर निगम के साथ कृषि विभाग को लगाया है। इसके अलावा पटना में कंट्रोल रुम बनाया गया है।
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