Muzaffarpur, Befoteprint : बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव ने कहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार मे एम एसपी पर वादा खिलाफी कर देश के किसानों के साथ धोखा कर रही है। वे मुजफ्फरपुर जिला का 33 वां किसान सभा सम्मेलन में बोल रहे थे। बिहार राज्य किसान सभा के मुजफ्फरपुर जिला किसान काउंसिल का 33 वां सम्मेलन मुजफ्फरपुर में संपन्न हुआ। सम्मेलन की शुरुआत प्रभुराज नारायण राव के द्वारा झंडोतोलन से हुआ। शहीद बेदी पर . अरुण कुमार द्वारा माल्यार्पण के बाद मदन झा की अध्यक्षता में सम्मेलन प्रारंभ हुआ। सम्मेलन का उदघाटन करते हुए बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव ने कहा कि आज हमारा मुजफ्फरपुर जिला का 33 वाँ सम्मेलन बिहार में बड़ा ही महत्व रखता है। 13 महीने तक चले देश के अंदर ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसान विरोधी तीनों काले कानूनों को वापस करने को मजबूर कर दिया था।उन्होंने आश्वासन दिया था कि मैं एमएसपी को कानूनी दर्जा दूंगा। शहीदों के परिवार को मुआवजा तथा सभी किसान आंदोलन से संबंधित केसों को समाप्त कर दूंगा। इसके लिए जल्दी ही एक कमेटी बनाने की बात की थी।
उनके इस आश्वासन पर देशव्यापी किसान आंदोलन स्थगित करके किसान अपने अपने घर चले गए थे। क्योंकि किसानों को इस देश के झूठे प्रधानमंत्री पर भरोसा नहीं था। इसलिए आंदोलन को समाप्त नहीं , बल्कि स्थगित करके वे अपने घर गए थे। आज किसान विरोधी तेवर केंद्र की सरकार फिर अपना रही है। लखीमपुर खीरी के 4 शहीद किसान साथियों का हत्यारा गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त नहीं किया गया। यह साबित करता है कि केंद्र की सरकार तथा उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के साथ धोखा कर रहे हैं। अपने वादों से मुकर रहे हैं। दूसरी तरफ देश के सामने महंगाई विकराल रूप धारण किए हुए हैं ।बेरोजगारों की लंबी कतार बढ़ती जा रही है। सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने का काम केंद्र की मोदी सरकार और आर एस एस देश में काम कर रही है। भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। लेकिन इसके खात्मे में केंद्र सरकार की कोई दिलचस्पी नजर नहीं आ रही है। बल्कि दो करोड़ नौजवानों को प्रतिवर्ष रोजगार देने कि वादा कर चुनाव जीतने वाली मोदी सरकार आज नौजवानों को लगातार बेरोजगार बनाकर सड़कों पर ला दिया है।
इतना ही नहीं सीमा पर देश की रक्षा के लिए लड़ने वाले जवानो के लिए अग्नीपथ योजना बनाकर उनकी कार्य अवधि मात्र 4 साल के लिए कर दिया गया है। अब उन्हें पेंशन नहीं मिलेगा। नहीं कोई उपाधि मिलेगी और मात्र 23 साल की उम्र में वह नौकरी से रिटायर होकर बेरोजगारों की कतार में खड़े हो जाएंगे। इनको भाजपा और आरएसएस के नेताओं ने अपने कार्यालयों में गार्ड के रूप में बहाल करने का आश्वासन यानी अपना नौकर बनाकर इस देश के भविष्य रुपी युवकों का इस्तेमाल नफरत फैलाने में करेंगे। बिहार राज्य किसान सभा केंद्र सरकार की युवा विरोधी नीति की तीव्र भर्त्सना करती है और बताना चाहती है कि केंद्र की मोदी सरकार एक तरफ किसानों के साथ धोखा कर रही है, खेती लगातार घाटे का बनता जा रहा है। तो दूसरी तरफ सेना में भर्ती होने वाले किसान के बेटे की नौकरियों में कटौती करके मात्र 4 साल में ही रिटायर कर रही है। जो देश के किसान और देश के जवान किसी और ज्यादा मालोमाल करने में लगे हुए हैं।
यहीं कारण है कि पिछले दिनों अदानी और अंबानी द्वारा बैंकों से लिए गए 10 लाख करोड़ रुपए के ऋण को प्रधानमंत्री ने माफ कर दिया। अगर 10 लाख करो रुपए किसानों के हित में खर्च किए जाते तो आज किसान की इतनी दयनीय स्थिति नहीं रहती। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है ऐसे किसान विरोधी, युवा विरोधी, जन विरोधी, संविधान विरोधी इस मोदी सरकार को गद्दी से उतार फेंकने का। इसके लिए सभी किसान, मजदूर, छात्र और नौजवानों को एकजुट होकर इस सांप्रदायिक तथा कारपोरेट जगत की सेवा करने वाली मोदी सरकार को हमेशा के लिए गद्दी से उतारा जाय। सम्मेलन में जिला मंत्री मदन प्रसाद ने अपना प्रतिवेदन पेश किया। जिस पर प्रतिनिधि साथियों ने अपने विचार रखे। उसके बाद प्रतिवेदन को सर्वसम्मति से पास किया गया। सम्मेलन का अभिनंदन बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के उपाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार, भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र सी आइ टी यू के इलियास इल्लू, ए आर अन्नु, जिला किसान सभा के पूर्व अध्यक्ष उमेश सिंह, किसान एवं अधिवक्ता झुनझुन सिंह, अधिवक्ता संघ के शाखा सचिव का. महेन्द्र सिंह,जनवादी महिला समिति के जिला मंत्री नमिता सिंह आदि ने किया।
बहस के बाद अगले सत्र के लिए 11 सदस्यीय जिला किसान काउंसिल का निर्वाचन सर्वसम्मति से किया गया। जिसके अध्यक्ष मदन झा उपाध्यक्ष जगदेव कुशवाहा, जिला सचिव मदन प्रसाद, संयुक्त सचिव बीरेंद्र यादव तथा कोषाध्यक्ष शिवचन्द्र चौधरी निर्वाचित हुए। राज्य सम्मेलन के लिए प्रतिनिधि मदन झा, बीरेंद्र यादव तथा जगदेव कुशवाहा निर्वाचित हुए। अंत में समापन भाषण में बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव अरुण कुमार ने आगामी 22 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में होने वाले किसान, मजदूर, छात्र तथा नौजवानों के विशाल महारैली को सफल बनाने के लिए भारी संख्या में मुजफ्फरपुर के किसान पटना महारैली में भाग लें। इस महारैली को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक ढवले, बिहार राज्य किसान सभा के अध्यक्ष ललन चौधरी, महासचिव विनोद कुमार तथा अन्य वक्ता संबोधित करेंगे।