बिहार : शराब खोजने के बहाने बदसलूकी करती है मुजफ्फरपुर पुलिस

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मुजफ्फरपुर/बीपी प्रतिनिधि। दलित महिलाओं ने मुजफ्फरपुर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। इनका कहना है कि मुजफ्फरपुर पुलिस शराब खोजने के बहाने दलितों की बहू बेटियों के साथ पुलिस करती है। कोई दुपट्टा खींचता है तो कोई साड़ी खींचता है। यह आरोप लगाते हुए करीब 50 दलित महिलाओं ने बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा।

प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि कुढ़नी थानांतर्गत तुर्की ओपी की पुलिस धरमुहा गांव की उन दलित महिलाओं को टारगेट करती है जिनके पति बाहर काम करने गए हुए होते हैं । घर पर महिलाएं अकेली रहती हैं। देर रात शराब खोजने के नाम पर घर में घुसकर नींद में सोई महिलाओं को भद्दी-भद्दी गालियां दी जाती हैं उन्हें जाति सूचक शब्दों से पुकारा जाता है। इन महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया है कि नींद में उनके कपड़े तक सही नहीं रहते और पुलिस घरों के अंदर प्रवेश कर जाती है।

तुर्की के धरमुहा की महिलाओं ने बताया कि पुलिस घर के अंदर घुसकर बोलती है कि शराब कौन बेच रहा है, इसकी जानकारी दो। गाली-गलौज के साथ ही अन्य सदस्यों को बाहर से दारू लेकर पकड़ लेती है और जेल भेज देती है। एक अन्य वृद्ध महिला का कहना है कि बहू-बेटियां घर मे सोई रहती हैं। पुलिस घर में घुस जाती है। हम मुसहर मांझी हैं तो क्या हमारी कोई इज्जत नहीं है। धरमुहा की ही एक अन्य महिला बताती हैं कि हम गरीब हैं तो पुलिस हमारे घर में घुस जाती है। मैं विधवा हूं, मेरी बेटी-बहू घर में रहती है। जो मीट, मुर्गा और बोतल खोलते हैं, पुलिस उनको पकड़ने नहीं जाती क्योंकि वे बड़े लोग होते हैं।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे माले नेता सूरज कुमार ने बिहार सरकार की शराबबंदी नीति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार की जेलों में बंद डेढ़ लाख दलित महादलित शराब बंदियों के सहारे बिहार सरकार दलितों को जेल में डालने का काम कर रही है। शराब सिंडिकेट चलाने वाले नेताओं और उनके सहयोगियों को पुलिस कभी प्रणाम करने भी नहीं जाती है और न ही पुलिस में हिम्मत है कि उन्हें गिरफ्तार कर सके।

बिहार सरकार एक ओर रोजगार का प्रबंध नही कर पा रही है। उनके परिवार वाले नागालैंड के दीमापुर में जाकर ईंट भट्ठे पर रोजगार करते हैं और यहां उनके परिवार की अकेली रह रही महिलाओं के साथ रात के एक बजे पुलिस गाली-गलौज करती है। मैं उन शब्दों को यहां बोल नही सकता। कोई पुलिस वाला महिलाओं का दुपट्टा खींचता है तो कोई पुलिस वाला महिलाओं का सारी खींचता है।

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डर से कोई अपना मुंह नही खोलता। यदि किसी ने अपना मुंह खोला तो उसे गिरफ्तार कर जीप में बिठा लिया जाता है। उसके बाद पुलिसवाले अपने यारों को फोन करते हैं और बाहर से अवैद्ध दारू लेकर उसे जेल भेज दिया जाता है। इस मामले को हमारे पार्टी के विधायक आने वाले सत्र में विधानसभा में उठाने का काम करेंगे।