Patna, Beforeprint : सीएम नीतीश कुमार के जनता के दरबार कार्यक्रम को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सरकार पर हमला बोला है। सीएम के जनता दरबार में सिलेक्टेड लोगों को बुलाया जाता है। इसके माध्यम से नीतीश कुमार अपना ब्रांडिग करवा रहे हैं। बीजेपी दफ्तर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विजय कुमार सिन्हा ने उक्त बाते कहीं।
आगे उन्होंने कहा कि जिन फरियादियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में मौका नहीं मिलेगा उन तमाम लोगों की बात सरकार तक पहुंचाने का काम बीजेपी करेगी। अब हर मंगलवार को बीजेपी पार्टी कार्यालय में जनसंवाद लगाया जाएगा। विपक्ष के नाते इस दायित्व को निभाने का काम बीजेपी करेगी। बिहार सरकार ने क्या नया काम किया है इसकी चर्चा हर सप्ताह बीजेपी करेगी और जनता के सामने इसका खुलासा करेगी।
बिहार में थाने से लेकर ब्लॉक तक भ्रष्टाचार है। बिहार में पुलिस इस मामले को दबाने का काम कर रही है।सुपौल में बीते दिनों चार युवकों की संदिग्ध मौत हुई लेकिन परिजन इसे दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या बता रहे हैं। लोग यदि पुलिस के खिलाफ बोलते है तो लाठियां बरसाई जाती है। आपराधिक घटनाओं को रोक पाने में सरकार विफल साबित हो रही है। आपराधिक घटनाओं और गोली चलाने वाले को जाति के नाम से जोड़ा जा रहा है। बिहार की नई सरकार में अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है। अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय सरकार धृतराष्ट्र बनी हुई है। बिहार में जनता का राज नहीं जंगलराज है।
प्रदेश को गुंडों और बदमाशों के हवाले कर दिया गया है। जाति और संप्रदाय के नाम पर बिहार में जहर की खेती की जा रही है। भ्रष्टाचार सबसे पहले समाप्त होनी चाहिए। जब तक इसकी भागीदारी रहेगी जनता को कोई लाभ नहीं मिलेगी। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से पहले भ्रष्टाचार को समाप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा देखने को मिला कि एक उद्घाटन के लिए दो फीता लगाया गया और दो कैची भी मंगवाई गयी। एक साथ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने यानि दो लोगों ने फीता काटा। ऐसा कभी हुआ था क्या?
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सुपौल के वीरपुर में चारों मृतक के परिजनों मिले और पूरी घटना की जानकारी ली। पीड़ित परिवार को ढाढस बंधाया और न्याय दिलाने का भरोसा जताया। विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार में प्रशासनिक अराजकता का माहौल है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो प्रशासन का मनोबल उसी दिन बढ़ा दिया जिस दिन सदन में एक दारोगा के पक्ष में अपनी मर्यादा को भूल गए। उन्होंने कहा कि पीड़ित आक्रोशित परिवार जब अपनी बात रखने थाना गया तो उसका सिर फोड़ दिया गया। उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
यह भी पढ़े..