स्टेट डेस्क/ पटना। बिहार में जमीन खरीदने से ज्यादा कष्टदायी जमाबंदी कराना है। अंचल कार्यालयों के रवैये के कारण काफी परेशानियां होती है। पूरे राज्य में करीब 20 हजार आवेदनों के अकारण रद्द किये जाने का अनुमान है। सीओ ने अपना प्रदर्शन बेहतर दिखाने के चक्कर में दाखिल-खारिज से जुड़े आवेदनों को बिना कारण बताए रद्द कर दिए हैं। विभाग ने इन सभी 200 सीओ से स्पष्टीकरण मांगा है.
अंचलाधिकारी अपना प्रदर्शन बेहतर दिखाने के चक्कर में करीब 20 हजार आवेदनों के अकारण रद्द कर दिए। यह मामला राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के संज्ञान में आया। मामले की जांच कराई गई तो 200 सीओ अकारण दाखिल-खारिज के आवेदन को रद्द करने के मामले में संदिग्ध पाए गए। सख्ती बरतते हुए विभाग ने इन सभी 200 सीओ से स्पष्टीकरण मांगा है और तीन हफ्ते के अंदर जवाब माँगा है।
वही राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि जिन्होंने बेवजह लोगों के दाखिल-खारिज आवेदन रद्द किये है। विभाग ऐसे सीओ पर कार्रवाई करेगी। जांच के दायरे में आये 200 सीओ में से कुछ ने अपना जवाब भी विभाग को भेज दिया है, जबकि कुछ के आने बाकी हैं। विभाग एक-एक सीओ के स्पष्टीकरण की समीक्षा करेगा। सीएम के आदेश पर अंचलों की जांच का सिलसिला जारी है।
जांच रिपोर्ट के आधार पर दो दर्जन से अधिक अंचलाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है। पिछले दो-तीन महीने के दौरान जिन-जिन अंचलों के सीओ ने बिना किसी ठोस कारण मुख्य रूप से दाखिल-खारिज समेत अन्य जमीन संबंधित आवेदनों को रद्द किया है और स्पष्टीकरण माँगा गया है।