स्टेट डेस्क/पटना : बिहार राज्य विद्युत बोर्ड का गठन वर्ष 1958 में हुआ था जिसका विघटन कर दिनांक 01.11.2012 से पांच कम्पनियों का गठन किया गया है जो राज्य में विद्युत वितरण, संचरण एवं उत्पादन का काम कर रही है।
कम्पनी गठन करने का मुख्य उदेश्य आवश्यक ढांचागत निर्माण के साथ कार्य प्रणाली में आवश्यक सुधार कर वित्तीय घाटे को क्रमिक रूप से कम करते हुए विद्युत क्षेत्र को स्वावलंबी बनाना था।
उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में राज्य की दोनों वितरण कम्पनियां अपने गठन से ही लगातार बेहतर ढांचागत निर्माण, विद्युत की सुलभ एवं लगातार उपलब्धता एवं राजस्व वसूली हेतु प्रयासरत रही है। वर्त्तमान में राज्य में शहरी क्षेत्र में 23-24 घंटा एवं ग्रामीण क्षेत्र में 22-23 घंटे विद्युत की आपूर्ति समान्यतः सुनिश्चित हैं।
कम्पनी गठन से पूर्व विद्युत आपूर्ति 12-15 घंटे औसत हुआ करती थी एवं अधिकतम विद्युत आपूर्ति 1700 मेगावाट हुआ करता था जो अब बढ़कर 7576 मेगावाट तक पहुंच चुका है। वितरण कंपनियों का समग्र हानि (AT & C Loss) कंपनी गठन से पूर्व वित्तीय वर्ष 2012-13 में 55% था जो घटकर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 23% हो गया है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य में कार्यरत दोनों वितरण कंपनी में से एक यथा साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड का आय कुल 17982.26 करोड़ रुपये हुआ है जो पिछले वित्तीय वर्ष की आय 12702.16 करोड़ रुपये से 42% अधिक है। इस वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल खर्च 17559.59 करोड़ रुपये का हुआ है जो पिछले वित्तीय वर्ष के कुल खर्च 14043.79 करोड़ रूपये से 25% मात्र अधिक है जो मुख्य रूप से ऊर्जा क्रय खर्च में हुई वृद्धि के कारण ही हुआ है।
इस प्रकार बेहतर राजस्व वसूली एवं समानुपातिक रूप से अन्य मदों के व्यय में कमी लाते हुए साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में 422.68 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया गया है। वितरण कम्पनी के द्वारा यह उपलब्धि पहली बार प्राप्त की गई है (बिहार राज्य विद्युत बोर्ड के गठन दिनाक 01.04.1958 से अबतक ) । साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड द्वारा अपने कुल आय के 77% की आमदनी उपभोक्ताओं से प्राप्त किया गया है जो कि अबतक का सर्वाधिक है।
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और बीएसपीएचसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस ने कहा कि बिहार की बीएसपीएचसीएल की दोनों अनुषंगी डिस्कॉम कंपनियों ने संयुक्त रूप से 42 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि के साथ 214 करोड़ का मुनाफा हासिल किया है जो बिजली कंपनी के लिए ऐतिहासिक है। डिस्कॉम कंपनियों का मुनाफा हमें ठोस कदम उठाने के लिए उत्साहित करेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से लागातार नीतिगत सुधार हेतु मार्गदर्शन प्राप्त होने एवं ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव के लगातार अनुश्रवण के कारण यह सुखद परिणाम आया है।
हंस ने कहा कि हम बिजली वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
विद्युत कंपनियों को तकनीकी रूप से सक्षम और उनका आधुनिकरण करने का ही यह परिणाम सामने आया है। उपभोक्ताओं में जागरुकता के कारण ही बिजली कंपनियों को उनसे विपत्र का भुगतान लगातार प्राप्त हो रहा है। हम अब सिर्फ सरप्लस स्टेट ही नहीं अब लाभ कमाने वाली देश के कुछ ही ऊर्जा कंपनियों में शुमार हो गये हैं। सरकार के निरंतर सहयोग के कारण दस सालों में ऊर्जा विभाग ने यह सुखद पल पाया है।