स्टेट डेस्क/ पटना। नीतीश कुमार ने शाम चार बजे राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा। राज्यपाल को नई सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा। इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि सभी सांसद और विधायक की आम सहमति थी कि हमें एनडीए छोड़ देना चाहिए। वही कई नेताओं ने आज इस राजनीतिक घटनाक्रम में अपनी प्रतिक्रिया दी है।
आज राजद और जदयू दोनों ने अपने नेताओं की साथ बैठक की। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में हुई पार्टी की बैठक में लेफ्ट के नेता शामिल हुए। नीतीश को समर्थन देने को लेकर राजद ने तीन शर्तें रखी हैं। सूत्रों का कहना है कि पहली शर्त डिप्टी सीएम, दूसरी गृह मंत्रालय और तीसरी स्पीकर राजद कोटे से बनाने की मांग की गई है। वही कांग्रेस ने बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम पर कहा कि प्रदेश में धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने में मदद के लिए वह गैर-भाजपा सरकार का समर्थन करेगी। कांग्रेस प्रदेश में राष्ट्रीय जनता दल के फैसले और अपने विधायकों की राय के आधार पर आगे कदम उठाएगी तथा पार्टी के भीतर इस पर सहमति है कि सत्ता परिवर्तन होने पर वह गैर-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के साथ होगी।
शरद यादव ने कहा कि लोगों ने राज्य के चुनावों के दौरान उसी गठबंधन को वोट दिया जो अब बना है। पिछली सरकार (भाजपा-जदयू सरकार) लोगों के जनादेश के अनुसार नहीं थी, अब केवल राज्य सरकार जनादेश के अनुसार होगी।
वही लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़कर बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पर नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि उन्होंने दूसरी बार जनादेश का अपमान किया है। चिराग पासवान ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने और नए सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की। बिहार में नीतीश के इस्तीफे के बाद तेज हुई राजनीतिक हलचल के बीच चिराग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन में आ गए और कहा कि भगवा दल ने वह सब स्वीकार किया जो मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार चाहते थे। उन्होंने कहा कि यहां तक कि भाजपा ने उनके लिए अपनी नीतियों तक से समझौता किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि BJP ने 74 सीट जीतेने के बाद भी वादे के मुताबिक नीतीश कुमार जी को NDA गठबंधन का मुख्यमंत्री बनाया था। यह बिहार की जनता और BJP के साथ धोखा है, जनता के फैसले का उल्लंघन है। बिहार की जनता इसे बर्दाशत नहीं करेगी।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता आरके सिंह ने कहा कि ये हमारे राज्य का दुर्भाग्य है कि 15 साल राजद की सरकार रही, वे (जदयू) पहले भी राजद के साथ गए थे फिर वापस आए, अब फिर से उनके साथ जा रहे हैं। इसमें बिहार की भलाई नहीं नहीं है। ये विकास की नहीं सत्ता की राजनीति हो रही है।