काल के गाल में असमय समाने से पहले वन्य जीव हिरण को बचाने के बाद उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया
Buxar, विक्रांत। उत्तर प्रदेश-बिहार सीमावर्ती चक्की अचंल क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित जवहीं दीयर के पास बाढ़ की पानी में बहते एक मादा हिरण की प्रशासनिक अधिकारियों ने जान बचाई। इस दृश्य को देख मौके पर मौंजूद ग्रामीण प्रशानिक अधिकारियों की तारीफ करना नहीं चूक सके। इसकी वानगी अवकाश के दिन रविवार को जवही दीयर गांव के निकट दिखी। हुआं यूं कि अवकाश के दिन जिलाधिकारी अमन समीर के नेतृत्व में अपर समाहर्ता प्रीतेश्वर, अनुमंडलाधिकारी कुमार पंकज सहित अन्य कई अधिकारी दल बल के साथ बक्सर-कोईलवर तट बंध का निरीक्षण करने निकले हुए थे।
इसी क्रम में जिलाधिकारी के नेतृत्व में अधिकारियों का दल जवही दीयर के पास बांध पर पंहुचा। बांध का निरीक्षण करने के दरम्यान डुमरांव के अनुमंडलाधिकारी कुमार पंकज की पैनी निगाहें बाढ़ की पानी में बहते एक हिरण पर पड़ गई। अनुमंडलाधिकारी श्री कुमार ने बगैर देर किए मौके पर तैराक दल व नाविको को बहते हिरण की जान बचानें को निर्देश दे डाला। तैराक दल अनुमंडलाधिकारी का निर्देश पाते ही बाढ़ के पानी की धारा के बीच हिरण की जान बचाने को कूद पड़े।
काफी मशक्कत के बाद तैराक दल के सदस्यों द्वारा हिरण की जान बचा ली गई। इस घटना की सर्वत्र चर्चा बनी रही। अनुमंडलाधिकारी कुमार पंकज ने बताया कि बाढ़ की पानी से निकाले गए हिरण को जानकार लोगों द्वारा मादा व गर्भवती बताया गया। बाद में उक्त गर्भवती मादा हिरण हिरण को सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया गया।