Patna, Before Print : बिहार कृषि विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में आयोजित दो दिवसीय 24 वीं शोध परिषद (रबी 2022 )की बैठक शुक्रवार की देर शाम संपन्न हो गई. समापन के मौके पर विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित सीमिट के वरीय खाद्यान्न फसल प्रणाली विशेषज्ञ डॉ रवि गोपाल ने अपना अनुभव साझा करते हुए शोध में जुड़े वैज्ञानिकों को कृषि विकास के दायित्व का बोध कराया। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय का ध्यान क्षेत्र के किसानों के जरूरतों पर होनी चाहिए।
हमारा राज्य और देश खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ अब पोषण सुरक्षा की ओर आगे बढ़ रहा है। हमारा विकसित तकनीक ऐसा होना चाहिए जो राज्य के सीमांत किसानों के लिए भी लाभकारी हो। डॉ रवि गोपाल ने कहा की क्रेता बाजार को निर्धारित करता है हमें ऐसे किस्मों को विकसित करने की जरूरत है जिसका बाजार मांग अधिक हो सके और किसान लाभान्वित हो।
आईएआरआई पूसा से आए विशेषज्ञ डॉक्टर के के सिंह ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में मेन पावर की कमी नहीं है। यहां की प्रयोगशाला भी अत्याधुनिक है। युवा वैज्ञानिक अपनी आइडिया के साथ शोध कार्य के लिए आगे आए। इसका आउटपुट जरूर मिलेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बीएयू के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि उन्नत शोध के लिए सभी विभागों के वैज्ञानिकों को सम्मिलित प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि युवा वैज्ञानिक किसानों से सीख कर, जानकर शोध करें जो उनके लिए लाभकारी साबित हो।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है की राज्य के कृषि मंत्री ने खुद इस बैठक में शामिल होकर तीन नए प्रभेद और तीन नई तकनीक का खुद अनुमोदन किया।इससे विवि के वैज्ञानिकों का भी उत्साहवर्धन हुआ है।