बिहार: किसान मेला में दूसरे दिन पशु प्रदर्शनी व गोष्ठी का आयोजन

बक्सर

प्रदर्शनी में काला मुर्गी व काला अंडा देखने को उमड़ी रही भीड़.गौ-पालन के लिए बब्लू को प्रथम, बकरी के लिए मृत्युजंय को प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया.

Vikrant: बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेले में दूसरे दिन किसानों की भीड़ उमड़ी रही | मेला का मुख्य आकर्षण पशु प्रदर्शनी रहा | साथ ही पशु प्रदर्शनी में किसानों के अलावा पशु प्रेमियों की भीड़ उमड़ी रही | कई नस्लों के देसी और विदेशी कुत्ते को देखने के लिए डॉग लवर्स कि चहलकदमी रही.वहीँ बड़े जानवरों में गाय, भैंस और घोड़े के भी कई नस्लें प्रदर्शनी में देखने को मिला | साहीवाल नस्ल की गाय आकर्षण में रहे वहीँ फ्रीजियन संकर नस्ल की गाय जिसका दुग्ध उत्पादन 25 लीटर था किसानों का ध्यान खींचा, भैंस में मुख्य रूप से मुर्रा और मुर्रा मिश्रित नस्ल भी देखने को मिला| भारत में आधा से अधिक दूध भैंस से प्राप्त होता है और इसे पालना भी आसान है. इसी लिए किसानों ने भैंस में भी अच्छी रूचि दिखाई | घोड़ों ने भी मेले में दौड़ लगाकर लोगो को अपनी ओर आकर्षित किया|

कुत्तों की नस्ल में मुख्य तौर पर जर्मन शेफर्ड, राट विलर, इंग्लिश मैस्टी, पर्मेलियन, फ्रेंच बुलडॉग इत्यादि ने लोगों और खासकर बच्चों को खूब आकर्षित किया | जर्मन शेफर्ड नस्ल का रेयर ब्रिड मेल और फिमेल का जोड़ा भी लोगों खूब भाया | इसके अतिरिक्त खरगोश भी देखे गये| बकरियों में मुख्य तौर पर सिरोही, ब्लैक बंगाल, जमुना पारी, बीटल और तोतापारी भी अकर्ष्ण के केंद्र में रहे | पच्छी प्रजातियों में बड़े आकार के देसी मुर्गा, जिसमें वनराजा, ग्रामप्रिया इत्यादि अकर्ष्ण में रहे वहीँ काले मुर्गे कडकनाथ को उसके काले अंडे के साथ देखने के लिए भीड़ रही | पच्छियों में कबूतर, तोता, तितर और बटेर भी देखने को मिला | कुल 153 पशु-पच्छियों को प्रदर्शित किया गया जिसमें दुधारू नस्ल के 28 बड़े जानवर, 57 बकरियां, कुत्ता, बिल्ली, और खरगोश श्रेणी के छोटे जानवर 35 और 33 पच्छी श्रेणी के प्राणी प्रदर्शित किये गये |

गाय के लिए प्रथम श्रेणी बबलू वर्मा और अनिक वर्मा को एवं चन्द्रशेखर प्रसाद को द्वितीय पुरुस्कार प्रदान किया गया | भैंस के लिए अजय यादव को प्रथम और नवीन कुमार को दूसरा पुरुस्कार प्रदान किया गया | बकरी देसी नस्ल के लिए प्रथम पुरुस्कार मृत्युंजय कुमार को और खगड़िया जिले के रंजय पासवान को दूसरा पुरुस्कार प्रदान किया गया | मेला का उद्घाटन नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार और कुलपति डॉ डी० आर० सिंह द्वारा किया गया | इस अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर० के० सोहाने, पशु वैज्ञानिक डॉ राजेश कुमार और डॉ अमित कुमार उपस्थित रहे | किसान गोष्ठी का भव्य आयोजन:पशु प्रदर्शनी के उपरांत किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी विषयवस्तु रही “युवाओं को कृषि के प्रति लगाव बढ़ाना”| गोष्ठी का उद्घाटन नाबार्ड के के मुख्य महाप्रबंधक श्री सुनील कुमार द्वारा किया गया |

इन्होने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि नाबार्ड और BAU दोनों का लक्ष्य एक ही है.अतः दोनों संस्था साथ मिलकर किसानों के लिए बेहतर कार्य करेंगे | अध्यक्षीय भाषण में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डी० आर० सिंह ने कहा अभिभावको को बच्चे बच्चियों के करियर क्षेत्र चुनने में दबाव नहीं बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि युवक युवतियों के लिए कृषि शिक्षा और कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएं है. कुलपति ने कहा कि दक्षिण भारत में जहाँ कृषि शिखा से लेकर कृषि गतिवधियों में 60 फीसदी तक महिलाओं की सहभागिता है.वही उत्तर भारत खासकर बिहार में अभी भी मात्र 20 से 25 फीसदी लड़कियों की सहभागिता है | हमें अपनी बेटियों को कृषि शिक्षा की ओर बढ़ावा देने की जरुरत है |

आगे बिहार कृषि विवि के कुलपति डा. सिंह ने कहा कि किसान बहन और भाई अब समय आ गया है कि आप आगे बढ़ें. बैक बेंचर न बने, कदम बढ़ाएं BAU तमाम बैंक और NGO सभी एक साथ मिलकर सहयोग करने के लिए आतुर है. आप हमारे मुख्य क्लाइंट हैं, आप हमारे पास पूर्ण अधिकार के साथ आइये | साथ ही कुलपति डा. डी.आर.सिंह ने बिहार के पशुपालक किसानों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाने के संकल्प को दोहराया और कहा कि उन्हे विश्वास है अब आगे जो भी राष्ट्रीय पुरस्कार मिले उसमें बिहार के पशुपालक किसान जरूर हों | विवि के जन संपर्क पदाधिकारी डा राजेश कुमार ने बताया कि संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में गणमान्य अतितिथियों में पूर्व विधायक लक्ष्मीकांत मंडल, भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक, यूको बैंक के जोनल मैनेजर के अलावा राष्ट्रीय पुरुस्कार विजेता किसान वीणा देवी भी उपस्थित रहीं| गणमान्य अतिथियों का स्वागत प्रसार शिक्षा निदेशक द्वारा किया गया. धन्यवाद ज्ञापन निदेशक अनुसन्धान डॉ पी० के० सिंह ने की | मौंके पर पर विवि के सभी अधिष्ठाता, निदेशक के अलावा पीआरओ सभी शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मी उपस्थित थे |