बिहार दिवस:अपना बिहार भारत के गले का हार है

बक्सर

जीवन का मुख्य आधार जल को संरक्षित करना जरूरी

बक्सर, विक्रांत : कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय डुमरांव के सभागार में बिहार दिवस एवं विश्व जल दिवस संयुक्त रूप से मनाई गई । आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ रेयाज अहमद ने की । इस मौके पर वरीय वैज्ञानिक सह प्राध्यापक डॉ धन्यजय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार के लोगों ने विश्व स्तर अपनी कड़ी मेहनत एवं निष्ठा से पहचान बनाई । बिहार का अपना गौरव शाली इतिहास रहा ।बिहार दिवस हर साल २२ मार्च को मनाया जाता है। यह बिहार राज्य के गठन को चिह्नित करता है। इसी दिन अंग्रेजों ने १९१२ में बंगाल से बिहार को अलग कर एक राज्य बनाया था। डा सिंह ने कहा कि बिहार का कृषि में योगदान अतुलनीय है ।बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है।

बिहार के विकास की बुनियाद कृषि के विकास पर आधारित है। नदियों में जल की प्रचुरता, उर्वरा भूमि के अलावा, मेहनती स्वभाव एवं प्रकृति के साथ सामंजस्य का भाव बिहार के लोगों में भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि आज भी पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में बिहार के खेतिहर मजदूर अपने परिश्रम से वहां की कृषि उत्पादकता में योगदान देते हैं। प्राचार्य डॉ रेयाज़ अहमद ने कहा कि आज हम बिहार दिवस के साथ विश्व जल दिवस मना रहे है इस मौके पर हमें प्रतिज्ञा लेनी चाहिए कि पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए।

उन्होंने ने कहा कि हर साल विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। पृथ्वी का 71 प्रति शत हिस्सा पानी से ढका हुआ है। 1.6 प्रति शत पानी जमीन के नीचे पाया जाता है। पृथ्वी की सतह पर पाए जाने वाले पानी का 97 प्रतिशत सागरों और महासागरों में है, जोकि पीने के काम में नहीं आता केवल 3 प्रतिशत पानी पीने लायक है। बढ़ती जनसँख्या के लिए पानी की उपलब्धता हेतु विश्वभर में प्रयास किये जा रहे हैं।

विश्व जल दिवस का उद्देश दुनिया के सभी देशों में स्वच्छ और सुरक्षित जल को सभी लोगों तक पहुंचाने के साथ-साथ जल के संरक्षण पर भी ध्यान देना है।इस मौके पर डॉ एस आर पी सिंह , डॉ मणि भूषण ठाकुर , श्रीमती शाहीन एवं सुनील कुमार वैज्ञानिक साथ ही साथ महाविद्यालय के छात्र -छात्राएं उपस्थित रहे । कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में विद्यार्थियों के बीच क्विज कम्पटीशन का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का संचालन डॉ आनन्द कुमार जैन किया।