सीपीआई के पूर्व सांसद नागेन्द्र नाथ ओझा के पुत्र है दिल्ली पूर्वांचल मोर्चा के मनोनित अध्यक्ष
बक्सर/बिफोर प्रिंट। बिहार प्रांत के बक्सर जिला अंर्तगत डुमरांव प्रखंड क्षेत्र के सुरौंधा ग्राम निवासी व सीपीआई के पूर्व सांसद नागेन्द्र नाथ ओझा के मझोले पुत्र संतोष ओझा ने भाजपा का दामन थामने के बाद पार्टी संगठन में भी अपनी पकड़ बना ली है। गत 2007 में केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह के संर्पक व सानिध्य में आने के बाद भाजपा का दामन थामने वाले संतोष ओझा भाजपा के पूर्वांचल मोर्चा के विभिन्न पद में महामंत्री व उपाध्यक्ष जैसे पद का दायित्व संभाल चुके है।
इसी बीच दिल्ली विधान सभा के आसन्न चुनाव को देखते हुए भाजपा ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। दिल्ली के होने वाले विधान सभा चुनाव मंें भाजपा ने बाजी मारने की पूरे जोर शोर से जुट गई है। इसी तैयारियों के क्रम में भाजपा ने संतोष ओझा के संगठनात्मक कार्यशैली से प्रभावित होकर उन्हें गत पूर्वांचल मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया है।
पूर्वांचल मोर्चा का अध्यक्ष बनाए जाने से हर्षित संतोष ओझा ने बताया कि दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीरेन्द्र सचदेवा द्वारा उन्हें पूर्वांचल मोर्चा का अध्यक्ष मनोनित किया गया है। उन्होनें कहा कि वैचारिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संविधान प्रदत है।भाजपा के अनुशांगिक संगठन में कार्य करने का उन्हें अनुभव है। उन्होनें कहा कि पूरी लगन व निष्ठा पूर्वक पार्टी द्वारा प्रदत दायित्व का निर्वहन करूंगा।
डुमरांव(नेनुआ) के लाल संतोष ओझा को दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीरेन्द्र सचदेवा द्वारा पूर्वांचल मोर्चा का अध्यक्ष मनोनित किए जाने पर स्थानीय शिक्षाविद् व बीपीएस निदेशक नागेन्द्र दुबे, राकेश केशरी, पवन कुमार, रामजी ओझा, बब्लू पांडेय, रमेश केशरी, रमेश ठाकुर एवं विक्की कुमार आदि ने उन्हें बधाई दी है।बता दे,ग्राम पंचायत सरपंच से राज्य सभा सदस्य (सांसद) तक का राजनीतिक सफर करने का अनुभव बटोरनंे वाले नागेन्द्र ओझा की राजनीति में राष्ट्रीय पहचान है।
सीपीआई कोटे से राज्य सभा का सदस्य चुने गए थे। भाजपा पूर्वांचल मोर्चा के नव मनोनित अध्यक्ष संतोष ओझा के पिताजी पूर्व सांसद नागेन्द्र ओझा सीपीआई के नेशनल संगठन से आज भी सक्रिय तौर पर जुड़े हुए है। बिहार प्रांत अंर्तगत बक्सर जिला के नागरिकों द्वारा विकास पुरूष की संज्ञा से नवाजे गए नागेन्द्र ओझा की सादगी भरे जीवन शैली का सर्वदलीय नेता व कार्यकर्ता आज भी सम्मान करते है। उनके द्वारा राज्य सभा संासद कोष से बक्सर व डुमरांव में कराए गए दर्जनों विकास कार्य आज भी जीवंत है।