कहा बिहार देश का नम्बर वन प्रदेश बन सकता है…डुमरांव की धरती नमन योग्य है…विद्यालय की छात्राओं के बीच खड़े होकर ली फोटो…
बक्सर/बीपी। बिहार के लोग अच्छे है।बिहार देश का नम्बर वन प्रदेश बन सकता है।डुमरांव नगर की धरती नमन करने योग्य है। उक्त बातंे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश सह पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजय करोल नंे सोमवार को नगर के राजगढ़ स्थित बांके बिहारी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद वापस जाने के दौरान मीडिया कर्मियों से संक्षिप्त वार्ता करते हुए कही।
उन्होनें कहा कि इस प्रदेश में न्यायाधीश के रूप में उन्हें तीन साल तक कार्य करने का अनुभव है।यहां की कला व संस्कृति सदैव यादगार बनी रहेगी। ‘जब उषा रानी बालिका मध्य विद्यालय की बच्चियों संग ली फोटो’ बांके बिहारी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद वापस लौटने के दौरान नगर के राज गढ़ प्रांगण स्थित उषा रानी बालिका विद्यालय के छात्राआंें की भीड़ देख सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय करोल अपने वाहन पर सवार होने की जगह बच्चियों की भीड़ की ओर उन्मुख हो गए और अपने निजी मोबाईल से सुरक्षा कर्मी की सहायता से स्कूली बच्चियों संग फोटो खिचवाएं।
फोटो खिंचवाने के दौरान विद्यालय की छात्राओं को दिल्ली घूमने आने को नेवता दिया। बाद में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय करोल का कारवां जंगली बाबा शिव मंदिर के लिए रवाना हो गया। न्यायाधीश ने नगर के तीन मंदिरों में की पूजा अर्चना- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश का कारवां बक्सर से चलकर सीधे कृषि कालेज स्थित अतिथि कक्ष मंें पहुंचा। वहां चंद मिनट गुजारने के बाद न्यायाधीश का कारवां अनुमंडल आरक्षी पदाधिकारी अफाक अख्तर, अनुमंडलाधिकारी कुमार पंकज एवं प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष अनिषा राणा की अगुवाई में सबसे पहले नगर के राज राजेश्वरी मां भगवती मंदिर में पहंुचा।
वहां न्यायाधीश के पूजा अर्चना किए जाने के बाद मंदिर के पुजारी किरण मिश्रा ने प्रसाद उपलब्ध कराया। इसके पश्चात न्यायाधीश नें डुमरेजिन मंदिर में माथा टेका। वहां से चंद मिनट के बाद उनका कारवां नगर के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर पहंुचा। वहां सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय करोल नें समर्पण भाव से बांके बिहारी मंदिर के गर्भ गृह के समक्ष षष्टांग होकर पूजा अर्चना की। वहां मंदिर में पहले से पूजा करने को मौजूद लोग न्यायाधीश के पूजा अर्चना के समर्पण भाव को उत्सुकता पूर्वक निहारते रहे।
मंदिर के पुजारी पं.कृष्ण मोहन मिश्रा एवं पुजारी कमला कांत मिश्रा द्वारा मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना कराने में भूमिका निभाई। मंदिर में करीब आधा घंटे से अधिक समय गुजारने के बाद न्यायाधीश का कारवां अनुमंडलाधिकारी एवं अनुमंडल आरक्षी की अगुवाई में बाबा जंगली नाथ शिव मंदिर को रवाना हुआ।वहां शिव मंदिर में न्यायाधीश ने माथा टेका। बाद में उनका कारवां ब्रम्हपुर शिव मंदिर को कूच कर गया।
पूरे दिन डुमरंाव नगर में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के आगमन को लेकर चर्चा का विषय बना रहा। विधि व्यवस्था संघारण व याता-यात व्यवस्था चुस्त बनाए रखने को लेकर हरेक चैक चैमुहानें पर पुलिस के जवान तैनात दिखे। बता दें, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय करोल पटना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश रह चुके है। वे मुख्य न्यायाधीश रहने के दौरान चंद माह पहले डुमरांव के तीनों मंदिर में पहुंच कर माथा टेक चुके है।