कहा कृषि रोड मैप के बूते बिहार ने धान की खेती मे स्थापित किया है विश्व रिकार्ड..
डेस्क/ विक्रांत। बिहार कृषि विश्वविद्यालय ( बीएयू) , सबौर में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेला-सह-कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री किया गया। अपने उद्घाटन भाषण में मंत्री ने कहा कि इस वर्ष के किसान मेले का विषय ‘‘तकनीक आधारित खेती से आत्मनिर्भर किसान’’ बहुत ही सामसामयिक हैै। उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश के विभिन्न संस्थानों एवं निजी संस्थाओं के द्वारा अपने कार्यक्रम एवं उत्पाद को 160 से अधिक स्टाॅल के माध्यम से प्रदर्शित करना प्रशंसनीय है इससे हजारों किसानों को सीधा लाभ होगा।
कहा कि राज्य में कृषि के समेकित विकास और किसानों की आमदनी में वृद्धि के लिये हमारी सरकार द्वारा कृषि रोड मैप लगातार कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार की लोक हितकारी योजनाओं तथा कृषि रोड मैप के कारण बिहार ने धान की खेती में विश्व रिकाॅर्ड स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि कृषि के विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा 16 लाख हेक्टेयर क्षेत्राफल में सिंचाई सुविधाओं का विकास किया गया है तथा जल-जीवन-हरियाली के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा 24 हजार 800 करोड़ रूपये खर्च करके समाज के हर वर्ग को लाभान्वित किया गया है।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कृषि शिक्षा एवं शोध के विकास हेतु बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में अध्ययनरत पीएच.डी. छात्रों को प्रतिवर्ष 10,000/- रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। विश्वविद्यालय में पान अनुसंधान एवं जर्दालु आम के लिये सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस स्थापित होगा। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डाॅ. डी. आर. सिंह ने सभी अतिथियों एवं किसान मेला में भाग लेने वाले सभी लोगों का स्वागत किया और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास मंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि मार्गदर्शन एवं आर्शिवचन से विवि परिवार अनुगृहित होंगे।
डाॅ. सिंह ने कहा कि कृषि के विकास में उन्नत तकनीकों का महत्व बढ़ता जा रहा है और इसके बिना खेती से बहुत अधिक लाभ नहीं प्राप्त किया जा सकेगा। कुलपति डा सिंह ने बताया कि मौसम में हो रहे परिवर्तन से खेती का जोखिम बढ़ रहा है और इससे बचाव के लिये जरूरी है कि मौसम अनुकूल फसल, उन्नत तकनीकों का प्रयोग तथा खेती में विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाय। डाॅ. सिंह ने बताया कि उन्नत तकनीकों का व्यवहार ही इस देश में हरित क्रांति, पीली क्रांति, सफेद क्रांति एवं नीली क्रांति की सफलता का आधार रहा है जिसके परिणामस्वरूप हम सब खाद्यान्न, दूध, मछली आदि में आत्मनिर्भर हो सके है।
आगे डाॅ. सिंह ने किसानों का आह्वान किया कि हमारे किसान भाई कृषि संबंधी जानकारी एवं परामर्श के लिये संबंधित जिले में अवस्थित हमारे महाविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं अनुसंधान केन्द्रों में अवश्य जायें। वहाँ के विशेषज्ञ आपको सभी प्रकार की तकनीकी जानकारी प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कृषि शिक्षा में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये स्नातक स्तर की 300 सीटों को बढ़ाया गया है इससे हमारे बच्चों को कृषि शिक्षा में अवसर प्राप्त होगा। किसान मेले के उद्घाटन सत्र में सांसद अजय मंडल, विधायक नरेन्द्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल, विधायक ललित नारायण मंडल, विधायक मो. अली अशरफ सिद्दिकी, विधायक राजीव कुमार सिंह, विधायक निरंजन कुमार मेहता, विधायक, बिहारीगंज (मधेपुरा) द्वारा विचार व्यक्त किया गया।
इस कार्यक्रम में डाॅ. आर. के. सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा द्वारा स्वागत भाषण एवं डाॅ. अनिल कुमार सिंह, निदेशक अनुसंधान द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया. आगत अतिथियों के स्वागत समिति सदस्यो में कृषि अधिष्ठाता सह विवि पीआरओ डा राजेश कुमार भी शामिल थे.