Buxar,Before print:सूचक अंजू देवी पति रविंद्र प्रताप सिंह दुल्लापुर निवासी ने आरोप लगाई थी कि उसके पति रविंद्र प्रताप सिंह, देवर करण प्रसाद सिंह उर्फ रिंकू , सास गिरजा देवी तथा कविता देवी ने 20 मई 13 से दहेज के लिए मारपीट शुरू कर दी। यह मारपीट की सिलसिला 6जून 15 तक चलता रहा। अंत में रिंकी ने 6 जून 15 को अपने भाई को बुलाई। भाई ने अपने बहनोई तथा सास को समझाना चाहा, लेकिन ससुराल वालों ने रिंकी को घर से निकाल दिया। तब रिंकी अपने भाई के साथ अपने नैहर चली गई।
रिंकी के भाई ने कई बार ससुराल आकर समझौता कर रिंकी को ससुराल में रखने का प्रयास किया, लेकिन ससुराल वालों ने रिंकी को रखने के लिए राजी नहीं हुए। अंत में रिंकी द्वारा सिमरी थाने में 114/ 2015 मुकदमा दर्ज कराई। न्यायालय द्वारा 5 मई 17 को धारा 307 ,34 तथा 498 ए के तहत आरोप का गठन किया। सूचक के गवाही तथा अन्य गवाहों के गवाही न्यायालय में पूरी कराने के बाद दोनों पक्षों के बहुत जिरह सुनने के बाद न्यायालय ने इस निष्कर्ष पर पहुंचा की चारों आरोपित दहेज प्रताड़ना के दोषी हैं।
दहेज प्रताड़ना के दोषी पाकर न्यायालय ने चारों अभियुक्तों को 2 वर्ष सश्रम कारावास की सजा तथा दो हजार जुर्माने की राशि की सजा सुनाई। अभियुक्तों द्वारा 2 हजार रुपए की राशि जमा नहीं करने पर 6 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।
सजा चुकी 3 साल से कम था, इसलिए न्यायालय ने सभी अभियुक्तों को जमानत पर रिहा कर दिया , इस शर्त पर कि 1 माह के अंदर उच्च न्यायालय में अपील करके अपना जमानत वहां से कंफर्म कराले ।इस मुकदमे में बचाव पक्ष के अधिवक्ता कामोद सिंह तथा सरकार की तरफ से अतिरिक्त पब्लिक प्रोड्यूसर आदित्य कुमार वर्मा उर्फ लड्डू जी ने अपना पक्ष रखा।