वक्ताओ नें कहा-मृत्यु भोज एक सामाजिक कुरीति है। मृतक की याद में पौधा-रोपण व चापानल लगवाने व पुस्तकालय का निर्माण कराने की अपील की।
बक्सर/विक्रांत। वीर कुंवर सिंह विवि के सीनेट सदस्य सह जद यू के वरिष्ठ नेंता डा.बिनोद कुमार सिंह की माता वाचोे देवी के निधनोपरांत एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।नावानगर अंचल के हिरोजा गांव में आयोजित श्रद्धांजलि सभा के मौके पर मृत्यु-भोज पर भी चर्चा-परिचर्चा की गई।
इस मौंके पर पूर्व मंत्री सह जद यू के नेंता संतोष निराला नें कहा कि राजस्थान सरकार की तर्ज पर बिहार में भी मृत्यु भोज निवारण अधिनियम बनाए जाने की जरूरत है।डुमरांव विधायक डा.अजीत कुमार सिंह ने कहा कि राजाराम मोहन राय ने सती प्रथा के खिलाफ अभियान चलाकर अंगे्रजों को कानून बनाकर सती प्रथा समाप्त करने को विवश कर दिया था।उन्होनें मृत्यु भोज के खिलाफ वैचारिक क्रांति व अभियान की शुरूआत किए जाने पर जद यू नेंता डा.बिनोद कुमार के प्रति साधुवाद व्यक्त किया।
के.टी.लाॅ कालेज बक्सर के संस्थापक अधिवक्ता गणपति मंडल नें अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि गौतमबुद्ध के द्वारा दिए गए संदेश- मृत्यु के बाद जीवन की चिंता व्यर्थ है।बेहतर जीवन के आरंभिक सिद्धांत से उसका कोई संबध नही है।मृत्यु भोज का कोई औचित्य नही है।आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए डा.बिनोद कुमार सिंह ने कहा कि मां की याद में पौधा-रोपण व सार्वजनिक स्थल पर चापानल गड़वाने का कार्य किया है।
डा.सिंह ने कहा कि मृत्यु भोज एक सामाजिक कुरीति है। मृत्यु भोज के चक्कर में गरीब परिवार ऋण लेने का विवश हो जाता है। डा.सिंह ने सामान्य लोगो से मृत्यु भोज के स्थान पर पौधा रोपण, पुस्तकालय का निर्माण कराने, गरीब परिवार की बेटियों की शादी कराने की अपील की।
श्रद्धांजलि सभा को अन्य वक्ताओं में जद यू नेंता कमलेश सिंह, प्रो.सुभाष चंद्रशेखर सिंह,रामनरेश सिंह,रामखलीफा सिंह,अशोक कुमार सिंह,नथुनी प्रसाद खरवार,राजलक्ष्मी,संजना सिंह,संजू कुमारी, अधिवक्ता राजेन्द्र कुमार,अधिवक्ता अनिल कुमार,संजय सिंह,भृगुनाथ सिंह,श्रषभ राज,बीरेन्द्र कुशवाहा,सिद्धेश्वर चैधरी, गीता देवी, अभिनव किसलय, रामाशंकर सिंह, विमल कुमार,आशुतोष रंजन एवं शिक्षक उदय कुमार सिंह आदि नें संबोधित किया।इसके पहले गणमान्य लोगो द्वारा मृतका वाचो देवी की चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके आत्मा की शांति को लेकर कामना की गई।
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