बक्सर/बीपी। बक्सर के प्रताप सागर स्थित सूबे का चर्चित मेथोडिस्ट अस्पताल के प्रांगण में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की जिला शाखा बक्सर की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। आगत अतिथियों का स्वागत मेथोडिस्ट मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के सचिव सह अस्पताल अधीक्षक डा.आर.के.सिंह ने किया। इस मौके पर मानव शरीर में विटामीन ‘डी’ की आवश्यकता व स्वस्थ शरीर में विटामीन ‘डी’की कमी पाए जाने पर भरपाई के उपाय पर चर्चा परिचर्चा की गई।
इस मौके पर फिजीसियन डा.राजेश कुमार सिंह, डा.आर.बी.प्रसाद हडड्ी रोग विशेषज्ञ डा.महेन्द्र प्रसाद, डा.दिलशाद अहमद, डा.गंगेय राय,डा.सी.एम.सिंह, डा.शैलेश राय,डा.बी.के.सिंह, डा.श्रीनिवास उपाध्याय, डा.पी.के.पांडेय,डा.तनवीर फारूकी, डा.पल्लवी द्विवेदी,डा.निभा सिंह, डा.नंदिनी,डा.आनंद पांडेय,डा.ब्रजमोहन, डा.अजीत कुमार सिंह,डा.शैलेश कुमार डा.जीतेन्द्र कुमार डा.दीपांकर आदि ने संबोधित किया।
बैठक की अध्यक्षता आईएमएम के अध्यक्ष डा.रंगनाथ तिवारी ने की।संचालन आईएमए के सचिव डा.रीतेश कुमार चैबे ने किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन अस्पताल के प्रबंधक विजय कुमार सिंह उर्फ कुन्नु सिंह ने किया। वक्ताओं ने मानव शरीर में विटामीन डी की कमी से होने वाली बिमारियों पर प्रकाश डाला और कहा कि विटामीन डी की कमी के चलते मानव शरीर के कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो जाती है।
विटामीन डी की कमी से मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।वक्ताओं ने कहा कि मानव शरीर में विटामीन डी की मौजूदगी के बहुत सरल व सश्ती दवा बाजार में उपलब्ध हो चुकी है। वक्ताओं ने कहा कि शरीर में विटामीन डी बरकरार रखने में सूर्य की किरण सबसे कारगर है।सुबह में सूर्य की रौशनी का सेवन हरेक मानव के लिए जरूरी है।
सूर्य की रौशनी मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक व सरल उपाय है। वक्ताओं ने कहा कि विटामीन ‘डी’की कमी बच्चे बच्चियों में भी पाई जाती है। परपंरागत तौर पर सूर्य की रौशनी में बच्चे-बच्चियों के शरीर की मालीश किए जाने के पीछे विटामीन डी को बढ़ाना कारण रहा है।
क्लिनीकों का निबंधन कराने पर दिया जोर-आईएमए की बैठक के दौरान बक्सर के सिवील सर्जन(सीएस) ने जिले में संचालित किए जाने क्लिीनिक व नर्सींग होम का निबंधन कराए जाने पर जोर दिया। उन्होनें कहा कि क्लिीनिकों का निबंधन नहीं रहने के चलते आपात काल के दौरान शासन व प्रशासन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सिवील सर्जन डा.सिन्हा ने कहा कि शासन व प्रशासन की जरूरतों को देखते हुए क्लिीनिक व नर्सिंग होम संचालक चिकित्सकों के लिए निबंधन कराना जरूरी है। चूंकि आपात काल के दौरान सरकार द्वारा बीमार नागरिकों के ईलाज के लिए निबंधित क्लिीनिकों में ही रेफर किया जा सकता है। उन्होनें कहा कि बगैर निबंधन कराए क्लिीनिक व नर्सिंग होम का संचालन करना विभाग के अनुसार गलत है।
स्वास्थ विभाग द्वारा निबंधन के लिए बहुत कम राशि निर्धारित की गई है। सिवील सर्जन डा.सिन्हा ने खास तौर पर चिकित्सकों से क्लिीनिक का निबंधन कराए जाने को अपील की।सीएस ने कहा कि स्वास्थ विभाग गैर निबंधित क्लिीनिक संचालकों के खिलाफ अभियान चलाए जाने को तैयारी कर ली है।