बक्सर, बीपी : डुमरांव नगर के कलावती लॉज सभागार में ऐपवा का जिला सम्मेलन का आयोजन संपन्न हुआ. उद्घटन ऐपवा की महासचिव कॉमरेड मीना तिवारी ने की. कार्यक्रम की शुरुआत सभा में उपस्थित नेताओं द्वारा सावित्री फूले और फातिमा शेख के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई . उद्घाटन संबोधन मे कॉ मीना तिवारी ने कहा कि एपवा ने महिलाओं के हक, सम्मान की अनेकों लड़ाईयां लड़ी है। इस संगठन ने हमेशा लड़ाइयों को लड़ते हुए सरकार को झुकने को विवश किया है। आज हर परिवार की महिलाएं घर से बाहर निकलने लगी है। लाल झंडे झंडे के पार्टी ने ही सबसे पहले महिलाओं को बराबरी का हक देने का काम किया है।
कॉ तिवारी ने केन्द्र सरकार पर वार करते हुए कहा कि रसोई गैस के बढ़े हुए दाम के बारे में बात कही। आज के समय में महंगाई के चलते घर चलाना मुश्किल हो गया है। काम की खोज में आजकल महिलाएं गांव शहर से बाहर निकल रही है लेकिन हजार दो हजार की नौकरी मिलनी भी मुश्किल हो गई है। देश में आजादी की लड़ाई में सभी को समान अवसर और बराबरी का हक दिलाने की सोच रखी गई थी, लेकिन आजादी के बाद आज के समय में भी अभी ऐसा माहौल नहीं बन पाया है। देश में मोदी सरकार के आने के बाद देश की स्थिति और भी बद्तर हो चली है। पहले जो शोषण जमींदार द्वारा किया जाता है, वह काम आज सरकार खुद ही करने लगी है।
उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद गरीबों का शोषण करके बड़े बड़े पूंजीपतियों का खजाना भरा जा रहा है। सरकारी स्कूलों की पढ़ाई को खत्म कर रही है और कॉलेज की पढ़ाई को दिन पर दिन महंगी करती चली जा रही है। सरकार द्वारा लड़कियों की पढ़ाई को मुफ्त क्यों नही किया जा रहा, यह प्रश्न भी खड़ा किया। ये बातें कॉ. मीना तिवारी ने अपने संबोधन में कही.बिहार राज्य सह सचिव इन्दु देवी ने कहा कि महिलाओं को रोजगार के दिशा में जाने की जरूरत है। सरकारें महिलाओं को लोन में उलझा करके रखी हुई है, जबकि महिलाओं के लिए कुटीर उद्योग के व्यवस्था करने की जरूरत है।
महिलाओं पर हुई अत्याचार के खिलाफ, फासीवादी ताकतों के विरुद्ध सड़क पर उतरने की जरूरत है। महिलाओं के हक अधिकार के विरुद्ध आवाज उठाते हुए सड़क पर उतरने की जरूरत है.कॉ. पूनम कुमारी ने कहा कि अब महिलाओं को आगे बढ़ना होगा, अब महिलाओं को मान सम्मान और इज्ज़त की सबसे ज्यादा जरूरत है। औरत आवाज उठाकर बात करने से कलंकिनी नहीं हो सकती है। समाज में बेटियों के साथ हुए अन्याय व अत्याचार को सहने की जरूरत नहीं है, बल्कि उस अत्याचार के खिलाफ लड़ने की जरूरत है। औरत के पास अपने बातों को समाज में रखने का अधिकार नहीं है, इसके खिलाफ महिलाओं को लड़ने की जरूरत है।
जिला सम्मेलन मे महिला आजादी, बराबरी की दावेदारी, गरीब दलित मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार के विरुद्ध, दहेज प्रथा, महंगाई और महिला श्रम के शोषण के विरुद्ध रणनीति पर चर्चा हुई।जिला सम्मेलन में 45 सदस्यीय कमिटी चुनी गई जिसमें अध्यक्ष रेखा देवी, सचिव संध्या पाल, उपाध्यक्ष गीता देवी, सुशीला देवी, बुधिया देवी , सह सचिव शैल देवी, पूजा जी, रूबी शर्मा चुनी गई।कार्यक्रम का समापन मार्च निकालते हुए किया गया। मार्च नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए गुजरा। इसकी जानकारी माले मिडीया प्रभारी संजय शर्मा ने विज्ञप्ति के हवाले से दी है.