बक्सर/बीपी। पुराने शाहाबाद जिले के बक्सर की धरती पर लंबी अवधि के बाद आयोजित जिला स्तरीय पत्रकार सम्मेलन का हुआ आगाज कई मायनें में अपनी अमिट छाप छोड़ गया है। एकतरफ आयोजित पत्रकार सम्मेलन ने आपसी मिलन व मोहब्बत का पैगाम दे गया।दुसरी ओर अनुभवी व प्रबुद्ध पत्रकारों द्वारा साझा किए गए अनुभव भरे विचारों ने वर्तमान पिढ़ी के बीच नई उर्जा का संचार किया है।
बक्सर जिला मुख्यालय स्थित एम.पी. हाई स्कूल के एक सभागार में बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की बक्सर जिला इकाई के सौजन्य से पत्रकार सम्मेलन सह बिहार राज्य अग्रणी राज्य बनाने में मीडिया की भूमिका विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर मोहन प्रसाद, प्रदेश महासचिव कमलाकांत सहाय, सदस्य शिवेन्द्र नारायण सिंह संग बक्सर की एडीएम सह जिला जन संपर्क पदाधिकारी रह चुकी अनुपमा सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
उद्घाटन के दौरान एडीएम ने अपने संबोधन में साफ तौर पर कहा कि मीडिया कर्मियों की स्वतंत्रता जरूर है।पर स्वच्छदंता का अभाव झलकता है। उन्होनें कहा कि शासन व प्रशासन और पब्लिक के बीच कड़ी जोड़ने का काम मीडिया करता है।
उन्होनें पत्रकारों से आगामी लोक सभा चुनाव में अपनी लेखनी के माध्यम से मतदान में अधिकाधिक संख्या में मतदाताओं को भाग लेने को प्रेरित करने का कार्य को अपील की।यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर मोहन प्रसाद ने कहा कि समाज को जागरूक करने में पत्रकार की अहम भूमिका होती है।
यूनियन पत्रकारों के हरेक समस्या के समाधान व उनके अधिकारों के लिए संर्घष करने को तैयार है।यूनियन के प्रदेश महासचिव ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में संविधान में कोई खास जिक्र नहीं है। बावजूद देश के विकास की कड़ी में पत्रकारों यानि मीडिया की अहम भूमिका है।
उन्होनें पत्रकारों के समक्ष व्याप्त चुनौतियों का हवाला देते हुए कहा कि देश हीत में बातें करने पर भी सुरक्षा का मानक तय नहीं किया गया है। सच्च लिखने पर विरोध का सामना करना पड़ता है। उन्होनें कहा कि पत्रकारों पर बढ़ते हमले को देखते हुए स्थाई न्यायिक कमिटि का गठन करने व कोई मुकदमा होने पर कमिटि द्वारा जांचोपरांत कारवाई का प्रावधन होना चाहिए।
डन्होनें कहा कि महानगरीय पत्रकारों की तुलना में ग्रामीण व नगरीय स्तर के पत्रकारों के समक्ष कई तरह की चुनौतियों व कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। उन्होनें पत्रकारो से व्यवहारिक बनने पर जोर दिया और कहा कि इस पेशे में सफलता का मूल मंत्र व्यवहारिकता को आत्मसात करने की अपील की।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए अधिवक्ता सह साहित्यकार रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने कहा कि बिहार के निर्माण में पत्रकारों की अहम भूमिका रही है। उन्होनें कहा कि पत्रकार समाज के बुद्धिजीवियों एवं राजनेताआंें के लिए संबल होते है। उन्होनें कहा कि बिहार में आर्थिक तौर पर भले कमजोर है।
पर इस धरती पर प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। चिकित्सक दिलशाद आलम ने कहा कि पत्रकार समाज का आईना होते है। इस बात का सदैव ध्यान रखना लाजिमी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा.शंशाक शेखर ने किया।संचालन जयमंगल पांडेय ने की। धन्यवाद ज्ञापन चंद्रकांत निराला ने किया।
सम्मेलन को सत्यदेव प्रसाद, सुरेश संगम,डा.देवकरण, डा.रामकेवल, डा.जीतेन्द्र मिश्रा, अरूण विक्रांत एवं कुंदन ओझा आदि ने संबोधित किया। आगत अतिथियों का स्वागत डा.शंशाक शेखर, गुलशन कुमार सिंह, आलोक कुमार, एवं चंद्रकांत निराला आदि नंें किया।मौंके पर मुखदेव राय,मनोज कुमार सिंह,प्रतिमा भारद्वाज,अजय सिंह,अनिल ओझा,अशोक कुमार, सत्येन्द्र सिंह,सुजीत कुमार,आलोक सिन्हा,देव कुमार ओझा,विनय कुमार,मनोज मिश्रा,रामएकबाल ठाकुर एवं संतोष रंजन राय आदि मौजूद थे।
दिवंगत पत्रकारों के परिजन सम्मानित किए गए-सम्मेलन के दौरान दिवंगत पत्रकारांें में यथा कुमार नयन के पुत्र प्रशांत व अनुराग, शिवजी पाठक के पुत्र अंबरीष पाठक, विवेक कुमार सिन्हा की पत्नी नीतू कुमारी, संजीव कुमार की पत्नी सुमन कुमारी,श्रीमनारायण पांडेय के पुत्र मनोरंजन पांडेय एवं संजीत उपाध्याय के भाई अमित कुमार उपाध्याय को आयोजन समिति के सौजन्य से आगत अतिथियों के हाथों प्रतिक चिह् व अंगबस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
वहीं जिला पत्रकार सम्मेलन में शिरकत करने वाले प्रींट मीडिया, इलेक्ट्रिानिक चैनल एवं सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को सम्मानित किया गया। इसके पूर्व आदर्श बाल विद्यालय पंचमुखी हनुमान मंदिर की बालिका छात्राओं ने स्वागत गान प्रस्तुत कर स्वागत किया गया।