अन्नदाता किसान को उर्जावान व धनवान बनाना लक्ष्य है।डुमरांव कृषि कालेज में खुले निःशुल्क काल सेंटर का किसान लाभ उठावे।
बक्सर/विक्रांत। बिहार राज्य खाद्यान्न उत्पादन के मामले में आत्म निर्भर है। पर राज्य के किसान अपनी पुरानी विरासत मोटे अनाज के उत्पादन व उत्पादकता को भूल सा गए है। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए किसानों को मोटे अनाज के उत्पादन व उत्पादकता पर ध्यान देनें की जरूरत है। उक्त बातें बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डा.डी.आर.सिंह ने बीते सोमवार को शाहाबाद जोन का एकलौता डुमरांव स्थित वीर कंुवर सिंह कृषि कालेज का औचक निरीक्षण के बाद गेस्ट हाउस में मिडीया कर्मियों से बात-चीत के दौरान कही।
उन्होनें कहा कि मोटे अनाज में यथा मक्का, मड़ुआ, ज्वार, बाजड़ा, कोदो, ओट्स एवं चीना में मिनरल व विटामीन जैसे पोषण तत्व पाए जाते है। उन्होनें किसानों से मोटे अनाज के उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाए जाने की अपील की। कुलपति डा.सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की योजना कुपोषण मुक्त अभियान के अंर्तगत सूबे के 28 गांवों को गोद लिया गया है। गोद लिए गांवों में विज्ञानियों की टीम द्वारा पोषण वाटिका का निर्माण कार्य शुरू है।
ग्रामीणों के बीच खान पान में पोषक तत्वों की उपयोगिता को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। उन्होनें कहा कि देश का विकास तब ही संभव है,जब प्रदेश का विकास होगा। -जलवायु अनुकूल खेती से किसानों को लाभ- कुलपति डा.डी.आर.सिंह ने जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम की चर्चा करते हुए बताया कि विवि के कृषि विज्ञानियों के माध्यम से किसानों के बीच धान की खेती के लिए धान की सीधी बुआई, लेजर लेवलिंग,उच्च क्यारी तकनीक, शून्य कर्षण खेती, खेतों में मेड़ बनवाना, खेतों को बारी बारी से गीला करना और उसे सुखाना आदि तकनीकों की जानकारी प्रदान किया जाता है।
उन्होनें बताया कि जलवायु अनुकूल कृषि अपनाए जाने से लागत व्यय में 12-16 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है। दुसरी ओर किसानों की लागत, शुद्ध आय एवं लाभ अनुपात में क्रमशः 40 से 50 प्रतिशत एवं उत्पादन वृद्धि 32 प्रतिशत दर्ज की गई है। कुलपति डा.सिंह ने बताया कि फसल प्रणाली में धान-गेहूं व मूंग पद्धति को अपनाने से फसल तीव्रता में करीब 50 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। साथ ही फसल प्रणाली उत्पादकता में 12 से 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जा रही है।
उन्होनें बताया कि खास तौर पर शाहाबाद प्रक्षेत्र के किसानों को फसल उत्पादन व उत्पादकता में आने वाली दिक्कतों के समाधान को लेकर डुमरांव स्थित कृषि कालेज में निःशुल्क परामर्श केन्द्र अर्थात काॅल सेंटर की स्थापना की गई है। काॅल सेंटर का मोबाईल नम्बर 9162935625 है। मौंके पर स्थानीय कृषि कालेज के प्राचार्य प्रो.मुकेश कुमार सिन्हा के अलावा प्रधान विज्ञानी डा.रियाज अहमद एवं वरीय विज्ञानी डा.बिनोद कुमार सिंह आदि मौजूद थे।