विक्रांत। आज दिनांक 25 अप्रैल 2024 कोए बिहार कृषि विश्वविद्यालयए सबौर के कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय और आणविक जीव विज्ञान एवं आनुवंशिक अभियांत्रिकी विभाग ने विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक जेम्स वाटसन और फ्रांसिस क्रिक की स्मृति में डीएनए दिवस मनाया। इन्होंने 1953 में डीएनए की खोज की थी और 1962 में चिकित्सा विज्ञान या शरीरक्रिया विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया था।
कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय ने इन महान वैज्ञानिकों के योगदान का जश्न मनाने के लिए माननीय कुलपति डॉ0 डी0 आर0 सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व में ष्आणविक जीव विज्ञान में बुनियादी तकनीक विषय पर एक प्रायोगिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।
कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी स्कूलए सबौर के कई छात्रों ने अपने शिक्षक के साथ भाग लिया।
उन्होंने आणविक जीव विज्ञान और आनुवंशिक अभियांत्रिकी विभाग ;एमबीजीईद्ध की प्रयोगशाला में आयोजित ष्जीनोमिक डीएनए का पृथक्करण प्रयोग में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ0 स्वेता सिन्हा के स्वागत भाषण से हुई। कार्यक्रम के सह.अध्यक्ष डॉ0 किरण कुमारी ;कीट विज्ञान विभागद्ध और सीएबीटी के प्राचार्य डॉ0 एनण् चट्टोपाध्याय ने अपने विचार व्यक्त किए।
उन्होंने आणविक जीव विज्ञान के महत्व पर बल दियाए जो नई पौध किस्मों के विकास में सहायक होता है। इससे अनाज उत्पादन में तेजी आती है और किसानों की आय बढ़ती है। इस शुभ अवसर परए कृषि संस्थान के डीन डॉण् अजय कुमार साह ने सीएबीटी के छात्रों और फैकल्टी सदस्यों को संबोधित किया और उन्होंने विज्ञानए प्रौद्योगिकी में निरंतर नवाचार और स्कूली छात्रों की भागीदारी के महत्व के बारे में बात की।
डॉ0 वी0 शाजिदा बानो ने प्रतिभागियों को कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। स्कूली बच्चों में काफी उत्सुकता थी और उन्होंने वैज्ञानिकों से विभिन्न प्रश्न पूछे। डॉ0 स्वेता सिन्हा और डॉ0 रीमा कुमारी ;एमबीजीई और सीएबीटी की सहायक प्रोफेसर ने बिहार कृषि विश्वविद्यालयए सबौर के विभिन्न पौधों की प्रजातियों से डीएनए पृथक्करण प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। प्रतिभागी ज्यादातर कक्षा आठ और उससे ऊपर के छात्र थे।
वे प्रदर्शित तकनीक के बारे में बहुत उत्साहित थे। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के वैज्ञानिकों के साथ एक विशेष बातचीत सत्र भी शामिल थाए जैसे पर्यावरण और सूक्ष्मजीव जैव प्रौद्योगिकीविद् डॉ0 रंजना और विवेक रंजन जैव सूचना विज्ञान वैज्ञानिक डॉ0 अंकिता नेगीए श्री अनिमेष और डॉ0 पवन कुमार जयसवाल। उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी और जैव सूचना विज्ञान में भविष्य के कैरियर के अवसरों पर चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में डॉ0 रवि केसरी ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।