डुमरांव : कृषि कालेज के प्राचार्य द्वारा इस्तिफा दिए जाने के मामले में आया नया मोड़, प्राचार्य के इस्तिफा पर कृषि कालेज में पटाखा फोड़े जाने का विडीयो वायरल…

बक्सर

तत्कालिन प्राचार्य ने कहा उपद्रवी छात्रों द्वारा जर्बदस्ती लिखवाया गया…

तोड़ फोड़ सहित अन्य घटना पर बीएयू प्रशासन का तेवर सख्त…

बक्सर/बिफोर प्रिंट। बिहार कृषि विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई व शाहाबाद क्षेत्र का अकेला डुमरांव स्थित कृषि कालेज में शनिवार को छात्रों द्वारा मचाए गए हंगामा व तोड़ फोड़ कर कालेज की संपति को नुकसान पहंुचाए जाने की घटना ने शिक्षा व्यवस्था पर यक्ष सवाल खड़ा कर दिया है। कृषि कालेज में घटित घटना से संबंधित कई वीडियो इटरनेट पर वायरल है।

हाला कि बिफोर प्रिंट वायरल विडीयो की पुष्टि नहीं कता है। प्राचार्य के स्थानांतरण पर कृषि कालेज के परिसर में पटाखा फोड़े जाने का वीडियो वायरल इटरनेट पर वायरल है। आश्चर्य की बात तो यह है कि प्राचार्य सह अधिष्ठाता प्रो. मुकेश कुमार सिन्हा द्वारा स्वेच्छा से इस्तिफा दिए जाने की पेशकश से संबंधित पत्र वायरल हो रहा है।

दुसरी ओर प्रो. मुकेश कुमार सिन्हा द्वारा प्राचार्य पद से स्वेच्छा से इस्तिफा दिए जाने की बात से सा इंकार किया है। पूर्व प्राचार्य सह अधिष्ठाता प्रो. मुकेश कुमार सिन्हा ने मीडिया को बातचीत के दौरान बताया कि हंगामा करने वाले छात्रों द्वारा उन्हें कार्यालय कक्ष में बंदी बना लिया गया था।

साथ ही जर्बदस्ती उनसे इस्तिफा से संबंधित पत्र लिखवाया गया। उन्होनें बताया कि बंदी बना कर इस्तिफा लिखवाने के क्रम में उक्त छात्रों द्वारा उनके साथ गाली गलौज व अभद्र व्यवहार की गई। करीब 40 की संख्या बल में हंगामा करने वाले छात्रों द्वारा इस्तिफा पत्र लिखने सहित विवि को ईमेल भेजने को विवश किया गया।

उन्होनें बताया कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस्तिफा मंजूर नहीं किया गया है। बल्कि कालेज की घटना क्रम को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कालेज के प्रभार से उन्हें मुक्त किया गया है। उन्होनें बताया कि विवि प्रशासन क मानना था कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए सुरक्षा जरूरी है।

पत्र में जो भी शब्द लिखवाए गए है।उपद्रवी छात्रों द्वारा जर्बदस्ती लिखवाए गए है। आगे, पूर्व प्राचार्य ने बताया कि महज तीन दिनों पहले कालेज पहुंचे शिक्षा विभाग के उप निदेशक अविनाश चंद्रा को कुछ छात्रों की पेडिंग फेलोशिप को लेकर अपनी मजबूरी से अवगत कराया था।

कृषि कालेज व कृषि अभियंत्रण कालेज के अधिकांश छात्र छात्राआंें का फेलोशिप क्लियर हो चुका है। उन्होनें बताया कि कालेज में घटित घटना के बावत विश्वविद्यालय प्रशासन को रिर्पोट भेज दिया गया है।

‘विवि प्रशासन की कारवाई पर टिकी है नागरिकों की निगाहें निगाहें’
स्थानीय कृषि कालेज के प्राचार्य सह अधिष्ठाता प्रो.मुकेश कुमार सिन्हा के साथ छात्रों के समूह द्वारा किए गए र्दुव्यवहार व कार्यालय में ताला जड़ कर प्राचार्य को बंदी बनाने के अलावा कालेज के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला जड़ने व कालेज की संपति को नुकसान पहुंचाने की घटित घटना पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय(बीएयू) प्रशासन का रूख सख्त है।

जानकारों की मानें तो विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रभारी प्राचार्य का पदभा ग्रहण करने वाले डा.रियाज अहमद से कालेज में घटित घटना से संबंधित विस्तृत गोपनीय प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को आदेशित किया गया है। साथ ही कृषि कालेज व कृषि अभियंत्रण कालेज के नए प्रभारी प्राचार्य को विवि प्रशासन द्वारा पूरे घटना क्रम के दौरान कालेज की संपति को छात्रों द्वारा पहुंचाए गए नुकसान से संबंधित रिर्पोट भेजने को आदेश दी गई है।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय क एक अधिकारी ने अपना नाम नहीं छापनें की शर्त पर बताया कि कृषि कालेज में शनिवार को घटित घटना पर कुलपति डा.डी.आर.सिंह का रूख कड़ा है। उधर,कृषि कालेज के नए प्रभारी प्राचार्य से दूरभाष पर हुई संपर्क में बताया गया कि मीटिंग में व्यस्त है।

नतीजतन घटना मामले में अद्यतन जानकारी नहीं मिल सकी। रविवार को अवकाश के दिन कालेज प्रांगण का वातावरण सामान्य बताया गया। कृषि कालेज मे घटित घटना पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिए जाने वाले एक्शन पर सामान्य लोगों की निगाहेें टिकी हुई है।