बक्सर/विक्रांत। अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य व्यापी आह्वान पर डुमरांव अनुमंडल मुख्यालय के परिसर में किसानों से संबंधित मांगों के समर्थन में एक दिवसीय धरना दिया। धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि राजसत्ता किसानों की खेती व फसल को कारपोरेट के पक्ष में छीन लेना चाहती है।
वक्ताओं ने कहा कि एकबार फिर केंद्र सरकार कृषि विपणन पर नेशनल नीति के प्रस्ताव (एनपीएफएएम) के माध्यम से तीनों काले कृषि कानूनों को चोर दरवाजे से राज्यों के माध्यम से लागू कराने की कोशिश कर रही है।वक्ताओं ने कहा कि किसान महासभा सी-2 और 50 फीसद के साथ एमएसपी की कानूनी गांरटी, खाद्य सुरक्षा, कृषि मंडियों की पुर्नबहाली, सिंचाई के लिए फ्री बिजली एवं सिंचाई संसाधनों का जीर्णोद्धार आदि मांगों को लेकर लागातार आंदोलनरत है।
वक्ताओं ने राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा चैथी कृषि रोड मैप जारी कर चुके है। पर सिंचाई संसाधनों का प्रबंध करना भूल गए है। सरकार की कृषि रोड मैप से सिंचाई प्रबंधन सूचि गायब है।सभा को किसान महासभा के जिला सचिव रामदेव सिंह, रामध्यान सिंह, नंद जी मुखिया,जाबिर कुरैशी एवं मुखिया रामजी सिंह यादव आदि ने संबोधित किया।
उधर क्षेत्रीय विधायक डा.अजीत कुमार सिंह व वामपंथी युवा नेता नीरज कुमार ने धरनार्थियों की मांगांें को जायज ठहराया और कहा कि सरकार द्वारा बनाया गया कृषि रोड मैप में कृषि सिंचाई संसाधनों की कही जिक्र नहीं है। बगैर साधन व संसाधन के कृषि कार्य असंभव है। युवा विधायक ने कहा कि एमएसपी की कानून की गांरटी, किसानों को फ्री बिजली, एनपीएफएएम को वापस लेने एवं सिंचाई का स्थाई प्रबंध आदि मांगें पूरा करना सरकार का दायित्व बनता है।