-नही है सहना अब किसी का अत्याचार, महिला सशक्तीकरण का है मुख्य विचार‘।‘जब नारी में शक्ति सारी तो फिर क्यों नारी को कहे बेचारी‘..आदि नारें से गूंज उठा डुमरांव।
बक्सर,विक्रांत। विश्व महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़ा कार्यक्रम के अंर्तगत शुक्रवार को डुमरांव बाल विकास परियोजना इकाई से जुड़ी सेवकाओं द्वारा जागरूकता रैली निकाली गई। रैली डुमरांव बाल विकास परियोजना कार्यालय के प्रांगण से सीडीपीओ नीरू बाला के नेतृत्व में निकाली गई। जो नगर के स्टेशन रोड से गुजरते हुए अंचल सह प्रखंड कार्यालय परिसर का भ्रमण करते हुए बाल विकास परियोजना कार्यालय के पास पंहुची। वहां सभा में तब्दील हो गई।
मौंके पर सीडीपीओ नीरू बाला ने सेविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि नारी अब अबला नहीं रह गई है। आज वर्तमान परिवेश में नारी हरेक क्षेत्र में आगे निकल चुकी है। उन्होनें सेविकाओं से अपने परिसीमन क्षेत्र में हिंसा की शिकार महिलाओं को जागरूक करने की अपील की। सीडीपीओ नीरू बाला ने सेविकाओं से बेटा एवं बेटी में फर्क नहीं करने व बेटा के समान बेटी को शिक्षित बनाए जाने की अपील की।
रैली में शामिल सेविकाएं एवं पर्यवेक्षिकाएं ‘जब नारी में शक्ति सारी,तो फिर क्यों नारी को कहे बेचारी‘। ‘नहीं सहना है किसी का अत्याचार, महिला सशक्तीकरण का यही है मुख्य विचार‘ आदि नारे लगा रही थी। जागरूकता रैली में मुख्य रूप से कार्यालय कर्मी सुनिता कुमारी, पर्यवेक्षिका फिरोजा बानों, पर्यवेक्षिका रीता देवी, पर्यवेक्षिका उषा कुमारी के आलावे सेविकाओं में मुख्य रूप से लीलावती देवी, सविता देवी, मीरा चैबे, पूनम देवी, अनिता देवी, सुनिता कुमारी, उषा कुमारी, संजू कुमारी, मीरा देवी, किरण देवी, मीना कुमारी, माधुरी देवी, शोभा कुमारी एवं ममता कुमारी आदि शामिल थी।