डुमरांव : डी.के. कालेज में इतिहास, उर्दू एवं वाणिज्य विषय पढ़ाई पर रोक का मामला विधान सभा में गूंजा

बक्सर

-विधायक डा.अजीत सिंह द्वारा डी.के.कालेज की पढ़ाई व्यवस्था को लेकर उठाए गए प्रश्न विधान सभा के सदन में गूंजता रहा

बक्सर/विक्रांत।डुमरांव स्थित डी.के.कालेज में 33 सालो के बाद इतिहास एवं उर्दू बिषय के आलावे वाणिज्य की पढ़ाई पर वीर कंुवर सिंह विश्व विद्यालय प्रबंधन द्वारा रोक लगाए जाने के मामले को विधायक डा.अजीत कुमार सिंह ने विधान सभा के सदन में शिक्षा मंत्री के समक्ष सवाल खड़ा किया है।

वहीं डी.के.कालेज मे स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू कराने की मांग शिक्षा मंत्री बिजय चैधरी से की है।डुमरंाव के युवा विधायक डा.अजीत कुमार सिंह द्वारा ताराकिंत प्रश्न संख्या शिक्षा-287 के माध्यम से मंगलवार को खड़े किए गए सवाल विधान सभा में गूंजता रहा।

विधायक डा.अजीत कुमार सिंह ने विधान सभा में सवाल खड़ा किया है कि क्या यह सही बात है कि डी.के.कालेज में संबद्धन एवं पढ़ाई की अनुमति के अभाव में इतिहास,उर्दू,वाणिज्य के आलावे कला संकाय के गृह विज्ञान एवं समाज शास्त्र की पढ़ाई पर रोक है।डी.के.कालेज में स्नातकोतर की पढ़ाई अब तक नहीं होती है।

यदि हां तो क्या सरकार उक्त कालेज में वाणिज्य एवं कला संकाय के सभी बिषयों की पढ़ाई के साथ स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू कराने का बिचार रखती है।हां तो कब तक।नहीं तो क्यो।
‘सवाल का विधान सभा के सदन में शिक्षा मंत्री दिया जबाब‘
डुमरांव के विधायक डा.अजीत कुमार सिंह नें बताया कि डी.के.कालेज में कई बिषयों की पढ़ाई के सवाल को लेकर सदन मे पूछे गए सवाल का जबाब देते हुए शिक्षा मंत्री बिजय चैधरी ने कहा है कि उत्तर आंशिक रूप से स्वीकारात्मक है।

वस्तुस्थिति यह है कि डी.के.कालेज में जिन बिषयों में सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है। उन बिषयों में संबधित कालेज प्रस्ताव प्राप्त होने पर विश्व विद्यालय द्वारा एकेडेमिक काउंसिल की अभिषद् की बैठक में अनुमोदन कराने के बाद कराने के उपरांत विभाग द्वारा मान्यता दिए जाने वाले प्रस्तावित बिषय पर उचित निर्णय लिया जाएगा। तदोपरांत मान्यता प्राप्त होने के बाद कालेज में पढ़ाई शुरू की जा सकेगी।अभी तक विश्व विद्यालय के माध्यम से संबद्धन देने का उपरोक्त प्रस्ताव विभाग को नहीं मिला है।

डी.के.कालेज के प्रभारी प्राचार्य का कहना-वीर कंुवर सिंह विश्व विद्यालय की अंगीभूत इकाई डी.के.कालेज के प्रभारी प्राचार्य डा.अरबिंद कुमार सिंह ने बताया कि विश्व विद्यालय प्रशासन द्वारा इतिहास एवं उर्दू की पढ़ाई पर लगाए गए रोक को हटाने एवं वाणिज्य स्व वित पोषित योजना के तहत वाणिज्य की पढ़ाई शुरू किए जाने के बावत विश्व विद्यालय को कालेज स्तर से प्रस्ताव भेजा जा चुका है। कालेज के प्रभारी प्राचार्य डा.सिंह ने बताया कि गृह विज्ञान एवं समाज शास्त्र की पढ़ाई डी.के.कालेज में कभी शुरू नहीं हुई है।