प्राचार्य सह अधिष्ठाता के फरमान का विज्ञानियों ने किया अनुपालन। विज्ञानियों द्वारा जलवायु अनुकूल खेती व पौधा रोपण की छात्र छात्राआंें के बीच दी गई जानकारी।
बक्सर/विक्रांत। डुमरांव स्थित वीर कुंवर सिंह कृषि कालेज के फार्म में वैज्ञानिकों द्वारा छात्र छात्राओं के बीच जलवायु अनुकूल खेती के संर्दभ में व्यवहारिक ज्ञान प्रदान की गई। नए प्राचार्य सह अधिष्ठाता प्रो. मुकेश सिन्हा द्वारा छात्र छात्राआंें की प्रायोगिक परीक्षा वर्ग कक्ष की जगह खेत में संपन्न कराए जाने की जारी आदेश के बाद पहली बार कालेज के छात्र छात्रा हरियाणा कृषि प्रक्षेत्र पहंुचे। वहां चैथे सेमेस्टर के छात्र छात्राआंें को प्रायोगिक परीक्षा की दृष्टि से जलवायु अनुकूल खेती के संर्दभ में व्यवहारिक ज्ञान प्रदान की गई।
कालेज से करीब चार किलोमीटर दूरी पर स्थित कृषि प्रक्षेत्र में छात्र छात्राओं के बीच जलवायु अनुकूल खेती में यथा मोटे अनाज यथा मक्का, बाजड़ा एवं खास तौर पर तील की उगी फसल से रूबरू कराते हुए व्यवहारिक एवं प्रायोगिक ज्ञान प्रदान की गई। विभिन्न किश्म के रोपे गए पौधों से रूबरू कराते हुए विज्ञानी डा.आनंद कुमार व अन्य विज्ञानी द्वारा बौद्धिक तौर पर पौधा रोपण के संर्दभ में तकनिकी जानकारियां एवं जलवायु परिवर्तन अनुकूल खेती के बारे में प्रदान की गई।
जलवायु अनुकूल खेती के बारे में छात्र छात्राओं को जानकारी देते हुए विज्ञानी ने बताया कि कम वर्षापात में धान की सीधी बुआई फायदेमंद होती है। पहली बार प्रक्षेत्र में विज्ञानियों से प्रायोगिक व व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने को लेकर कृषि कालेज के छात्र छात्राआंें के बीच काफी उत्सुकता बनी रही। प्रायोगिक व व्यवहारिक ज्ञान लेने पहुंचे छात्र छात्राआंें में अमित कुमार, प्रिया कुमारी, तलक राज, रीतेश कुमार, छोटू कुमार, नीलेश, ऋषि राज,अभिजीत कुमार,रूपम एवं ज्योति कुमारी आदि शामिल थे।
प्राचार्य सह अधिष्ठाता का कथन- कृषि कालेज,डुमरांव के प्राचार्य सह अधिष्ठाता प्रो. मुकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रक्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा संचालित योजला हर परिसर हरा परिसर के तहत विभिन्न किश्म के पौधों का रोपण कराए जाने को गडढ़े खोदे जा चुके है। विज्ञानियों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन अनुकूल खेती का कार्य शुरू हो चुका है। हरेक विज्ञानी को कम से कम एक प्रोजेक्ट चालू रखने को निर्देशित किया गया है। प्रायोगिक परीक्षा खेत में संपन्न कराए जाने की कड़ी में विज्ञानी गण छात्र छात्राआंें के बीच खेती का व्यवहारिक ज्ञान देने का कार्य शुरू कर चुके है।