डुमरांवःकृषि कालेज के तीन शिक्षकों के खिलाफ कारण बताओं नोटिश….

बक्सर

नोटिश जारी होने के बाद वैज्ञानिकों के बीच मचा हड़कंप…छात्र को श्रमिक बता राशि भुगतान का मामला उजागर

बक्सर/बीपी।डुमरांव स्थित वीर कुंवर सिंह कृषि कालेज के प्राचार्य सह अधिष्ठाता प्रो.मुकेश कुमार सिन्हा द्वारा वार्षिक कार्य प्रतिवेदन नहीं जमा करने के आरोप में तीन शिक्षकांें सह वैज्ञानिकों के खिलाफ कारण बताओं नोटिश जारी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।प्राचार्य द्वारा कृषि विज्ञानी डा.प्रकाश सिंह, डा.रियाज अहमद एवं डा.सुदय प्रसाद के खिलाफ कारण बताओं नोटिश जारी किया गया है।

कारण बताओं नोटिश जारी किए जाने के बाद सामान्य विज्ञानियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। इस आशय की पुष्टि प्राचार्य सह अधिष्ठाता प्रो.मुकेश कुमार सिन्हा ने करते हुए बताया कि तीन विज्ञानियों से वार्षिक कार्य प्रतिवेदन की मांगा गया है। जिसमें दो कृषि विज्ञानी रोहतास जिला के बिक्रमगंज(धनगाई) स्थित वनस्पितिक कृषि केन्द्र के विज्ञानी है।

जो काफी दिनों से डुमरांव कृषि कालेज में प्रतिनियुक्ति पर है। आगे प्राचार्य सह अधिष्ठाता ने बताया कि प्राचार्य से बगैर अनुमति के कृषि विज्ञानी डा.प्रकाश सिंह द्वारा फार्म रहने के बावजूद स्थानीय कृषि कालेज परिसर में नए प्रभेद के नाम पर धान का रोपित किया गया है।

उन्होनें बताया कि तीसरा विज्ञानी जीव जंतु विज्ञानी है।उन्होनें बताया कि कृषि विज्ञानी डा.प्रकाश सिंह के खिलाफ लगातार तीन नोटिश जारी किए जाने के बाद भी उनके द्वारा नोटिश का जबाब नहीं दिया गया है।बल्कि बगैर सूचना दिए अवकाश पर चले गए है।

बलिया का कृषि छात्र डुमरांव में बना श्रमिक- बलिया स्थित जननायक सीएस कृषि कालेज के छात्र द्वारा डुमरांव स्थित कृषि कालेज में श्रमिक के तौर पर कार्य करने का मामला प्रकाश में आया है। इस आशय की पुष्टि कृषि कालेज डुमरांव के प्राचार्य सह अधिष्ठाता ने करते हुए बताया कि कृषि वैज्ञानिक डा.प्रकाश सिंह द्वारा बलिया के कृषि विज्ञान के छात्र विष्णु शंकर को श्रमिक बनाकर काम लिया जा रहा था।

साथ ही उक्त छात्र को विज्ञानी द्वारा श्रमिक के एवज में भुगतान किया जा रहा था। आगे प्राचार्य सह अधिष्ठाता प्रो. मुकेश कुमार सिन्हा नें बताया कि इसका खुलासा उस समय हुआ। जब बलिया स्थित कृषि कालेज के छात्र को धान जेनेटिक के लिए कृषि विज्ञानी द्वारा गाईड किए जाने संबधी कागजात सामने आया।

उन्होनें बताया कि वैज्ञानिक से प्राप्त अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर उत्तर प्रदेश का छात्र स्नातकोत्तर का डिग्री प्राप्त कर सकता है। उन्होनें बताया कि मामला प्रकाश में आते ही संबधित वैज्ञानिक के खिलाफ कारण बताओं नोटिश जारी किया जा चुका है। एक तरफ श्रमिक तो दुसरी ओर छात्र डबल भूमिका। छात्र भी बलिया जिला निवासी है। शिक्षक सह वैज्ञानिक भी मूल तौर पर बलिया जिला का निवासी है।