-आयोग द्वारा आरक्षण कोटि जारी किए जाने के बाद अटकलबाजियों व अफवाहों का बाजार हुआ शांत
Buxar, Vikrant : डुमरांव व बक्सर नगर परिषद के मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद पद के आरक्षण कोटि को लेकर कई दिनों से जारी अफवाहों व अटकलबाजियों पर गुरूवार की रात से विराम लग गया है। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव नें गत 8 सितम्बर की देर शाम नगर परिषद के मुख्य पार्षद एवं उप मुख्य पार्षद पद से संबधित आरक्षण सूचि जारी कर दिया है। आरक्षण सूचि के मुताबिक डुमरांव नप के मुख्य पार्षद पद को पिछड़ा वर्ग महिला व उप मुख्य पार्षद पद पिछड़ा वर्ग अन्य के लिए आरक्षित हो चुका है।
एकतरफ स्थानीय निकाय के मुख्य पार्षद पद के लिए महज पिछड़ा वर्ग की महिला चुनाव लड़ सकती है। दुसरी ओर उप मुख्य पार्षद पद के लिए महज पिछड़ा वर्ग के पुरूष अथवा महिला ही चुनाव लड़ सकती है। इस आरक्षण सूचि के जारी होने के बाद स्थानीय नप के मुख्यपार्षद पद के चुनावी मैंदान में उतरने की लालसा लेकर कई माह से कसरत करने वाले लोगों को काफी झटका लगा है।
दरअसल में मुख्य पार्षद पद के लिए दावेदारी को लेकर कई महारथियों के पोस्टर व बैनर से विस्तारित नगर परिषद क्षेत्र पट गया था। नगर परिषद क्षेत्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता व एक राजनीतिक दल का सक्रिय सदस्य ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कभी घर से बाहर नहीं निकलने वाली अपनी पत्नी को मुख्य पार्षद पद का प्रत्याशी बनाए जाने का मन बनाकर क्षेत्र में बैनर टंगवा व पोस्टर चस्पवा कर प्रचारित कर दिया था। करीब दो लाख की राशि भी प्रचार के क्रम में खर्चा कर दिया। पर आरक्षण कोटि ने पत्नी को चुनावी मैंदान में उतारे जाने की मंसूबे पर पानी फेर दिया।
नगर परिषद के राजनीतिक प्रेक्षको की मानें तो मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद का पद आरक्षित होने के बावजूद नगर परिषद के चुनावी राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले महारथियों का हौसला कम नहीं हुआ है। नगर परिषद के राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले महारथी अब मेकर की जगह किंग मेकर की भूमिका में दिख सकते है। वैसे महारथियों द्वारा चुनावी मैंदान मेे मन पंसद प्रत्याशी उतारने को लेकर जोड़ घटाव की राजनीति में जुट गए है।
इसी प्रकार बक्सर नगर परिषद के मुख्य पार्षद पद को पिछड़ा वर्ग महिला एवं उप मुख्य पार्षद पद को भी पिछड़ा वर्ग महिला आरक्षित किया गया है। चुनाव आयोग द्वारा दो अलग अलग पत्रांक 3731 एवं 3732 दिनांक 8 सितम्बर के माध्यम से आरक्षण कोटि जारी किया गया है।
बता दें,डुमरांव नगर परिषद की अब तक के इतिहास में तीन महिला में प्रथम मीरा देवी(स्व.द्वारिका प्रसाद केशरी की पत्नी विभा मिश्रा (पूर्व मुख्य पार्षद मोहन मिश्रा की पत्नी) एवं तृतीय भागमनी देवी(बड़क तिवारी की पत्नी) मुख्य पार्षद पद की शोभा बढ़ा चुकी है। इस बार भी चुनाव आयोग ने जारी आरक्षण कोटि के माध्यम से विस्तारिक नगर परिषद, डुमरांव के मुख्य पार्षद पद की शोभा पिछड़ा वर्ग की महिला द्वारा बढ़ाए जाने को तय कर दिया है।