बक्सर/ बीपी। भारत रत्न से नवाजे गए डुमरांव के लाल शहनाई के शहंशाह उस्ताद बिस्मिल्ला खां की याद में आगामी 21 फरवरी को डुमरांव स्थित राज हाई स्कूल के खेल मैंदान में महोत्सव मनाया जाना तय है। जिला प्रशासन के सौजन्य से आयोजित होने वाले उस्ताद बिस्मिल्ला खां महोत्सव में नामचीन बालीवुड गायक अल्फात राजा, गजलकार नबेंदु भटटाचार्य, कौव्वाल बच्चा नसीम कौसर के अलावा मगध संगीत डांस ग्रुप एवं उस्ताद के परिवार के सदस्यों का संगम होना तय है।
जिला प्रशासन के सौजन्य से आयोजित होने वाले बिस्मिल्ला खां महोत्सव की तैयारियां जोर शोर से शुरू है। कार्यक्रम स्थल राज हाई स्कूल के खेल मैदान में स्टेज सहित दर्शकों के बैठने को लेकर पंडाल निर्माण का कार्य जोरो पर है.जिला जन संपर्क विभाग की मानें तो राज हाई स्कूल के खेल मैंदान में आयोजित होने वाले बिस्मिल्ला खां महोत्सव अपराह् 4 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक होना तय है।
उस्ताद का सपना अधूरा, अपनों के बीच उपेक्षित’ भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्ला खां की याद में प्रस्तावित संगीत विवि की स्थापना का मामला कई साल से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। डुमरांव स्थित राज हाई स्कूल के खाली पड़े 10 कमरों वाले भवन में आरंभिक तौर पर संगीत विवि खोले जाने को लेकर एक साल पहले ताना बाना बुना गया। क्षेत्रीय विधायक की पहल पर तत्कालीन जिलाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर डुमरांव की सीओ अंकिता सिंह द्वारा स्कूल के भवन व खाली परिसर में संगीत विश्वविद्यालय खोले जाने को अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान की गई।
राज हाई स्कूल प्रबंधन की स्वीकृति एवं सीओ द्वारा दिए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र के बाद शहनाई के शंहशाह की याद में संगीत विश्वविद्यालय खोले जाने की संभावनाएं प्रबल हो उठी। लेकिन तत्कालीन जिलाधिकारी अमन समीर का स्थानांतरण होने के साथ ही संगीत विवि की स्थापना का मामला ठंडे बस्ते में पड़ गई है। इधर डुमरांव के विधायक डा अजीत कुमार सिंह का कहना है कि उस्ताद बिस्मिल्ला खां की स्मृति में संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर पूर्ववर्ती सरकार से ग्रीन सिग्नल मिल चुकी है. इसी बीच तत्कालीन डीएम अमन समीर का ट्रांसफर हो जाने के बाद उस्ताद की स्मृति में संगीत विवि की स्थापना का मामला ठहर सी गई है.
विधायक ने कहा कि उस्ताद की याद में संगीत विवि की स्थापना के लिए लगातार प्रयास रत है. बता दें, उस्ताद बिस्मिल्ला खां का जन्म स्थली डुमरांव है. सरकार द्वारा शहनाई के बादशाह उस्ताद को भारत रत्न से जरूर सम्मानित किया गया. लेकिन उस्ताद की याद को जीवंत बनाए रखने की दिशा में सरकार द्वारा अब तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा सका है.
स्वतंत्रता सेनानी के उत्तराधिकारी वयोवृद्ध सत्यनारायण प्रसाद, कला के पुजारी साहित्यकार शंभू शरण नवीन, कला के पुजारी दशरथ प्रसाद विद्यार्थी, समाज सेवी प्रदीप शरण श्रीवास्तव, श्रद्धानंद तिवारी, अधिवक्ता सुनिल कुमार तिवारी, भरत मिश्रा,सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश कुमार केशरी, नथुनी प्रसाद खरवार, शमीम अख्तर, अमर नाथ केशरी एवं उमेश गुप्ता ने सरकार से उस्ताद की स्मृति में संग्रहालय, प्रेक्षागृह एवं संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने का अनुरोध किया है.