रंजन ने दोपहर में अपने जन्म दिन का परिजनों के बीच खुशी साझा की और शाम के समय दुनिया को अलविदा कहा
जवान रंजन का पार्थिव शरीर घर पहंुचते ही परिजनों के रूदन क्रंदन से माहौल गमगीन हो उठा
विधायक, डीएसपी, एसडीओ, थानाध्यक्ष व चेयरमैन प्रतिनिधि ने जवान रंजन के पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किया
मृतक जवान के पार्थिव शरीर के अतिंम दर्शन को नागरिकों की उमड़ी रही भीड़
डुमरांव(बक्सर)। सच्च कहा गया है। जन्म और मृत्यु किसी की इंतजार नहीं करती है। कब किसकी की मौंत हो जाएगी। यह कहना मुश्किल है। इसकी मिशाल ग्वालियर स्थित सीआरपीएफ में कमांडो के पद पर कार्यरत डुमरांव के लाल रंजन कुमार यादव के मौंत की घटना है। बीते रविवार को जवान रंजन कुमार यादव का जन्मोत्सव था। दोपहर बेला तक उन्होनें पत्नी माया देवी, माता अंजू देवी, पिता बिनोद कुमार यादव उर्फ भोला यादव के अलावा छोटे भाई के साथ मोबाईल पर जन्म दिन की खुशी को साझा करते रहे। शाम ढ़लते ही सीआरपीएफ में जी/41 बटालियन के रैंक सीटी/जीडी के पद पर कार्यरत रंजन कुमार यादव ड्यूटी के दौरान दुनिया को अलविदा कह गए।
जवान के मौंत की दुःखद सूचना सीआरपीएफ के अधिकारियों द्वारा रात में उनके पिता को मोबाईल पर दी गई। बड़े बेटे की मौंत की खबर सुनकर मानों पिता के सिर पर गम का पहाड़ टूट कर गिर पड़ा। बड़े बेटे की मौंत की खबर से दर्द व वेदना से कराहते पिता ने सुबह में सिंकदराबाद स्थित रेलवे विभाग में कार्यरत अपने छोटे पुत्र को दी।बाद में अपनी पत्नी और परिजनों व रिश्तेदारों को दी। हाला कि शासन व प्रशासन सहित सामान्य लोगों को जवान रंजन के मौंत की खबर मंगलवार की सुबह में मिली।
जब सीआरपीएफ जवान रंजन का पार्थिव शरीर पहंुचा डुमरांव’
पार्थिव शरीर आने से पहले गौशाला रोड में जवान के शोक संत्पत परिवार को साहस व धैर्य प्रदान करने को विधायक डा.अजीत कुमार सिंह, डीएसपी अफाक अख्तर अंसारी, एसडीओ कुमार पंकज, थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार एवं चेयरमैन प्रतिनिधि सुमित कुमार पहंुचे हुए थे। ग्वालियर के शिवपुरी से सीआरपीएफ के नायक महेन्द्र नाथ के नेतृत्व में आठ सदस्यीय जवानों की सहायता से ताबुक में बंद जवान रंजन का पार्थिव शरीर मंगलवार की सुबह गौशाला रोड स्थित आवास पर पहंुचा।
ताबुक में बंद वाहन पर लदे पार्थिव शरीर को सीआरपीएफ नायक की सहायता से क्षेत्रीय विधायक,डीएसपी,एसडीओ व थानाध्यक्ष ने कंधे का सहारा देकर निर्धारित स्थल पर उतारा गया और ताबुक खोलने के बाद क्रम वार पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जवान के पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित की गई। जवान के पार्थिव शरीर के अतिंम दर्शन को लेकर हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी रही। रेलवे विभाग में कार्यरत छोटे भाई के सिंकदराबाद से डुमरांव पहंुचने के बाद जवान के पार्थिव शरीर का अतिंम संस्कार बक्सर स्थिम श्मशान घाट पर होना तय है।
ग्वालियर से आए सीआरपीएफ नायक सहित आठ सदस्यीय जवान के अलावा सीआरपीएफ के बिहार बटालियन के इंसपेक्टर के नेतृत्व में पहंुचे 6 सदस्यीय जवान अतिंम संस्कार के लिए शव यात्रा में शामिल होने को प्रतिक्षारत रहे। देर शाम तक शव यात्रा निकाले जाने की संभावना है। समाचार भेजे जाने तक मृतक का भाई डुमरांव नहीं पहंुच सका था। ‘मृतक जवान के पिता ने अधिकारी पर लगाया आरोप’ अपने बेटे की मौंत से गम के सागर में डूबे पिता बिनोद कुमार यादव उर्फ भोला यादव ने नम आंखों से ग्वालियर के शिवपुरी स्थित सीआरपीएफ के एक अधिकारी पर बीमारी हाल में बेटे को ईलाज के लिए अवकाश नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है।
शोकाकुल पिता ने नम आंखों से कहा कि बेटे के पैर में पहले से तकलीफ थी। उसने ईलाज के लिए संबधित अधिकारी के यहां अर्जी लगाई थी। लेकिन बेटे को अवकाश नहीं मिली और दुनिया को अपने जन्म दिन के रोज घर परिवार व दुनिया को ही अलविदा बोल गया।
डुमरांव के लाल सीआरपीएफ जवान रंजन का ड्यूटी के दौरान हुई मौंत…दोपहर में जन्म दिन का खुशी साझा की और शाम में रंजन यादव ने दुनिया को अलविदा बोल दिया…बेटा की मौंत पिता बिनोद यादव उर्फ भोला व माता अंजू देवी व पत्नी माया देवी रोते रोते हुई बेहाल…देर शाम बक्सर श्मशाम घाट पर होगी अतिंम संस्कार
बक्सर/बीपी। सीआरपीएफ का कमांडो जवान डुमरांव के लाल रंजन कुमार यादव ड्यूटी के दौरान दुनिया से चल बसे। जन्म दिन के रोज ही जवान रंजन यादव ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
यादव जन्म और मृत्यु किसी की इंतजार नहीं करती है। कब कहां व किसकी की मौंत हो जाएगी। यह कहना मुश्किल है। जागता उदाहरण ग्वालियर स्थित सीआरपीएफ में कमांडो के पद पर कार्यरत डुमरांव के लाल रंजन कुमार यादव के मौंत की घटना है। बीते रविवार को जवान रंजन कुमार यादव का जन्मोत्सव था। दोपहर बेला तक उन्होनें पत्नी माया देवी, माता अंजू देवी, पिता बिनोद कुमार यादव उर्फ भोला यादव के अलावा छोटे भाई रणजीत कुमार के साथ मोबाईल पर जन्म दिन की खुशी को साझा करते रहे।
शाम ढ़लते ही सीआरपीएफ में जी/41 बटालियन के रैंक सीटी/जीडी के पद पर कार्यरत रंजन कुमार यादव ड्यूटी के दौरान दुनिया को अलविदा कह गए। जवान के मौंत की दुःखद सूचना सीआरपीएफ के अधिकारियों द्वारा रात में उनके पिता को मोबाईल पर दी गई। बड़े बेटे की मौंत की खबर सुनकर मानों पिता के सिर पर गम का पहाड़ टूट कर गिर पड़ा। बड़े बेटे की मौंत की खबर से आहत व वेदना से कराहते पिता ने सुबह में सिंकदराबाद स्थित रेलवे विभाग में कार्यरत अपने छोटे पुत्र रणजीत कुमार को दी।बाद में अपनी पत्नी और परिजनों व रिश्तेदारों को दी। पिता के शव को देख नाबालिक पुत्र जतीन यादव की आंखे रोते रोते सूज चुकी है।
जतीन डीएभी का छात्र है। हाला कि शासन व प्रशासन सहित सामान्य लोगों को जवान रंजन के मौंत की खबर मंगलवार की सुबह में मिली। मृतक जवान के पिता ने अधिकारी पर लगाया आरोप’ अपने बेटे की मौंत से गम के सागर में डूबे पिता बिनोद कुमार यादव उर्फ भोला यादव ने नम आंखों से ग्वालियर के शिवपुरी स्थित सीआरपीएफ के एक अधिकारी पर बीमारी हाल में बेटे को ईलाज के लिए अवकाश नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है।शोकाकुल पिता ने नम आंखों से कहा कि बेटे के पैर में पहले से तकलीफ थी। उसने ईलाज के लिए संबधित अधिकारी के यहां अर्जी लगाई थी। लेकिन बेटे को अवकाश नहीं मिली और दुनिया को अपने जन्म दिन के रोज घर परिवार व दुनिया को ही अलविदा बोल गया।