महादेव कोई कल्पना नही सोच है- दीदी अनुनीता

बक्सर

-गुरु किसी जाति धर्म अथवा संप्रदाय का नही होता है बल्कि ज्ञान की प्रति मूर्ति होता है

बक्सर, बिफोर प्रींट : डुमरांव के चौगाई प्रखंड में भारतीय संस्कृति में भगवान शिव की अवधारणा पर शिव गुरु महोत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शिव के महत्व पर प्रकाश डाला गया । भगवान शिव हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं। भारत की मिट्टी में,हमारे संस्कारों में शिव समाहित हैं। सर्वाधिक रूप से पूजित हैं महादेव। देश के कोने कोने में इनकी महता से ही समझा जा सकता है कि इनकी जड़ें कितनी भीतर तक हैं। पटना से आई शिव शिष्या अनुनीता ने कहा कि इस कालखंड के प्रथम शिव शिष्य साहब श्री हरिन्द्रानंद जी ने कहा है कि भगवान शिव के बिना भारत भूमि की कल्पना ही बेमानी है। ये हमारी विरासत हैं।

इतिहास को देखा जाए तो हमे पता चलेगा कि महादेव एक कल्पना नहीं अपितु एक सोच है,हमारी सोच हैं शिव। दीदी अनुनीता ने कहा कि यही शिव गुरु का काम भी करते हैं। आज से नही बल्कि सदियों से। जब से यह सृष्टि बनी है तभी से ही। मां भगवती उनकी प्रथम शिष्य हैं। गुरु किसी जाति धर्म या संप्रदाय का नहीं होता है। वह तो ज्ञान की प्रतिमूर्ति हैं और जब गुरु स्वयं भगवान शिव हों तो पूरी मानवता उन्हें अपना गुरु बना सकती है और उनसे ज्ञान अर्जित कर सकती है।

पटना से ही आए डॉक्टर अमित ने कहा कि शिव को गुरु बनाने के अलावा हमारे पास कोई दूसरा विकल्प ही नहीं है। उन्हें अपना गुरु बनाइये। भारत भूमि शिव की धरती है। साहब और दीदी का संकल्प है कि सम्पूर्ण जगत को शिव का शिष्य बनाया जाए। इस दिशा में मनसा वाचा कर्मणा हम सभी को शिव शिष्य बनना चाहिए और दूसरों को शिव शिष्य बनने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए। श्री सतीश ने कहा कि शिव को गुरु बनाने के लिए साहब और दीदी जो कह रहे हैं ,उसका पालन करिए। इस कार