पटनाः बिहार की धरती ज्ञान की रही है- कृषि मंत्री

बक्सर

-बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में आयोजित दो दिवसीय शोध परिषद की बैठक का कृषि मंत्री ने दीप जलाकर किया आगाज

Buxar, Vikrant : इतिहास गवाह है बिहार की धरती ज्ञान की धरती रही है। ज्ञान की धरती रहने के चलते विदेश से चलकर लोग बिहार की धरती को नमन करने आते थे। इसका जागता मिशाल विक्रमशीला विश्वविद्यालय है।कृषि मंत्री श्री सिंह ने बिहार में बाहर की उन्नत बीज से 10 फीसद अधिक उत्पादन होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें खुशी इस बात को लेकर है कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय किसानों की बेहतरी की दिशा में काम कर रहे है।

उन्होनें अपने पुराने अंदाज में कहा कि कृषि विभाग में व्याप्त गड़बड़ियों को जरूर दूर किया जाएगा। कृषि मंत्री ने विवि के प्रस्ताव वोकेशनल प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने पर विचार किए जाने की बातें कहीं। उक्त बातें कृषि मंत्री ने विवि के मुख्य सभागार में आयोजित दो दिवसीय शोध परिषद की आहूत बैठक का उद्घाटन करने के दरम्यान कही।

उन्होनें कहा कि जो मशीन इंसान को रिप्लेस करें ऐसे कृषि यंत्रों की जरूरत नहीं है।टूल्स को हम कौशल विकास के रूप में प्रयोग करेगें। इसके पूर्व कृषि मंत्री नेे विवि परिसर में कुलपति संग नवनिर्मित निदेशालय कार्य एवं सयंत्र भवन का उदघाटन व विवि परिसर में पौधारोपण किया।

इसी कड़ी में कुलपति डा.अरूण कुमार ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि बिहार कृषि विवि सबौर राज्य में खेती व किसानों दशा व दिशा में निरंतर सुधार को लेकर सचेष्ट व कार्यशील है। कुलपति डा.कुमार ने कहा कि कृषि विभाग के साथ विवि समन्वय बैठाकर कार्य कर रहा है।

कुलपति ने कृषि मंत्री द्वारा विवि के वैज्ञानिकों का उत्साहबर्द्धन किए जानें पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि वैज्ञानिकों का निश्चित तौर पर मनोबल बढ़ेगा। उन्होनें कहा कि सूबे के किसानों व खेती की दशा व दिशा में सुधार के लिए विवि कृषि विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है।

इस मौके पर विवि से जुड़े विभिन्न विभाग के सहायक प्राध्यापकों में पौधा प्रजनन के डा.संजय कुमार, उद्यान सब्जी की डा.संगीता श्री, मसूर की प्रजाति अगेती डा.रजनी कुमारी, चना बीज के विकसित प्राईमिंग तकनीक डा.तमोगना साहा एवं उद्यान पुष्प के लिए डा. दीप्ति द्वारा अनुमोदन के लिए अपने अपनें पावर प्वायंट प्रेजेटंेंशन को प्रस्तुत किया। मौंके पर कृषि मंत्री सहित वैज्ञानिकों एवं प्रगतिशील किसानों ने मंथन के बाद उसे अनुमोदित कर दिया गया।

इसके पूर्व उदघाटन सत्र के दरम्यान आगत अतिथियों का स्वागत विवि अनुसंधान निदेशक डा.पी.के.सिंह ने किया। साथ ही विवि में चल रहे विभिन्न शोध कार्यो के संर्दभ में संक्षिप्त तौर पर विवरण प्रस्तुत किया। बैठक में विशिष्ट अतिथि के रूप में डा.राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय विवि पूसा के अनुसंधान निदेशक डा. पीएस ब्रम्हानंद, सीमिट के वरीय खाद्यान्न फसल प्रणाली विशेषज्ञ डा. रवि गोपाल, सहरसा के प्रगतिशील किसान सिद्धार्थ मिश्रा, बांका की तनु प्रिया एवं नालंदा के राकेश कुमार आदि मौजूद थे।

वहीं बैठक में विवि के प्रसार शिक्षा निदेशक डा.आर.के.सोहाने, डीन पीजी डा आरपी शर्मा, छात्र कल्याण निदेशक डा.राजेश कुमार, सह निदेशक प्रसार शिक्षा डा.आर.एन.सिंह, उप निदेशक शोध डा.शैलवाला देई के आलावे सबौर कृषि कालेज के प्राचार्य डा.एस.एन.सिंह, कृषि कालेज के प्राचार्य डा.रियाज अहमद, कृषि अभियांत्रिकी कालेज के प्राचार्य डा.जे.पी.सिंह सहित दर्जनों की संख्या में वैज्ञानिक शरीक थे।