डेस्क/ विक्रांत। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 73 वीं 74 वीं संविधान संशोधन 1992-1993 के अनुसार बिहार में कमजोर वर्गों को त्रिस्तरीय पंचायती राज में और नगर निकायों में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए 2006 और 2007 मे आरक्षण देने के लिए कानून बना कर लागू भी कर दिए.जो अन्य राज्यों में नहीं है। यह बातें बिहार प्रदेश जनता दल यू ( अपिव प्रकोष्ठ ) के महामंत्री सह अधिवक्ता भाई रामधनी भारती ने कही. आगे जनता दल यू के वरिष्ठ नेता सह अधिवक्ता रामधनी भारती ने कहा कि पंचायती राज को मजबूत बनाने में हर संभव मदद भी कर रहे है।
मगर संविधान संशोधन के अनु०243 घ के अनुसार”पंचायतों को बहुत बड़ा दायित्व सौंपा गया है। इस दायित्व की सफलता के लिए गांवों में रहने वाले लोगों को शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। अभी इसका अभाव है। श्री भारती ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं की सफलता और असफलता बहुत कुछ इस पर ही निर्भर है । यदि पंचायती राज संस्थाओं की स्थापना, निर्वाचन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कर रहे हैं तो इसकी सफलता संदिग्ध है।”
जनता दल यू नेता श्री भारती ने केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री द्वारा पटना में शुभारंभ राष्ट्रीय कार्यशाला को स्वागत योग्य ठहराते हुए आग्रह किया है कि संविधान के अनु०243घ के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के लिए शिक्षा की अनिवार्यता संबन्धित कानून बनाने के लिए केन्द्र सरकार से लेकर निर्वाचन आयोग तक पहल करने की कृपा करें। इसके बाद ही गांधीजी के पंचायती राज का सपना और बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपनों का बिहार प्रगति के पथ पर अग्रणीय राज्य की दर्जा हासिल करेगा।