बक्सर,9 अप्रैल। शहर के शिवपुरी मुहल्ले में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के तीसरे दिन प्रवचन करते हुए प्रख्यात भागवत वक्ता आचार्य (डॉ.) भारत भूषण जी महाराज ने कहा कि भगवान के श्रीचरण ही सर्वोच्च पद हैं जिनकी प्राप्ति हो जाने के बाद गिरना नहीं पड़ता। दुनिया में बाकी जितने पद हैं सभी छूट जाते हैं और व्यक्ति को पदच्युत कर देते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान के श्रीचरणों की प्राप्ति सत्संग से ही संभव है। देवर्षि नारद जी ने सत्संग के द्वारा ही भगवान की प्राप्ति की।
भगवान वेदव्यास का संताप नारद जी के सत्संग से ही समाप्त हुआ। परीक्षित का भगवान शुकदेव के सत्संग से कल्याण हुआ। महापुरुषों की संगति एवं सेवा से जीवन धन्य हो जाता है। उनके दर्शन से ही जन्म – जन्मांतरों के सारे पाप – संताप नष्ट हो जाते हैं और परम शांति प्राप्त होती है। आचार्य ने कहा कि महापुरुषों को केवल भगवान के श्रीचरण ही अभीष्ट होते हैं। पांडवों की माता कुंती, पितामह भीष्म आदि ने संसार में रहते हुए एकमेव भगवान में ही निष्ठा रखी।
संसार की नश्वरता का स्मरण करते हुए भगवान की कृपापरायणता और भक्तवत्सलता का हमेशा अनुभव करना चाहिए।कथा के पूर्व आज रुद्राभिषेक संपन्न हुआ। प्रयागराज से आए हुए पं.संजय द्विवेदी ने सर्वतोभद्र मण्डल पूजन, रुद्राभिषेक एवं मूल पाठ संपन्न कराया। पं ब्रजकिशोर पांडेय ने गीतापाठ किया।
इस अवसर पर पं नरेंद्र पांडेय उर्फ लाल बाबू पांडेय,वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ कामोद प्रसाद सिंह समाज सेवी विनोद कुमार राय, बबन राय,सहारा इंडिया के अधिकारी मदन मोहन मिश्र,नूतन कुमारी, प्रेमसागर पांडेय, राहुल पांडेय, पप्पू पांडेय दीनानाथ लाल, महेश यादव आदि उपस्थित रहे।