विक्रांत :पूर्वी भारत के लिए क्षेत्रीय किसान मेला के पहले दिन किसानों ने खूब रुचि दिखाई। स्टॉल पर लगे प्रदर्शनी में किसानों की भीड़ देखी गयी। उद्यान प्रदर्शनी, हाइड्रोपोनिक तकनीक, विभिन्न कृषि उत्पादों पर लगे स्टॉल किसानों के आकर्षण के केंद्र रहे। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के हर विभागों के स्टॉल के अलावा कृषि विज्ञान केंद्रों के स्टॉल भी आकर्षण के केंद्र रहे। देश भर के निजी कंपनियों के स्टालों में से आईटीसी, बीकेटी टायर, हुंडई, वसुधा सीड्स, एचडीएफसी बैंक इत्यादि के स्टॉल पर भी किसानों ने रुचि दिखाई।
मिलेट्स से बने उत्पादों की प्रदर्शनी भी की गई। खाने-पीने से लेकर खिलौने के स्टॉल पर बच्चों ने रुचि दिखाई वहीं महिलाओं के लिए घरेलू सामग्री वाले स्टॉल, जीविका दीदी द्वारा लगाए गए अचार-मुरब्बा, शहद इत्यादि के स्टॉल मुख्य आकर्षण रहे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में झूमे दर्शक :
किसान मेले की शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम रही। मैथली, अंगिका, भोजपुरी गीतों पर किसान और स्थानीय दर्शक खूब झूमे। प्रमुख गानों में भैरवी, लेले अइह हो पिया सेंदुरा बंगाल से, बाबा दिहले टिकवा, झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में… पर दर्शकों ने खूब उत्साह दिखाया। मेले के कल दूसरे दिन* भी भारी संख्या में किसानों की भागीदारी होने की उम्मीद है। कल मुख्य आकर्षण पशु प्रदर्शनी रहेगा जिसमें तरह-तरह के नस्लों के पशु देखने को मिलेंगे। गाय, भैंस, बकरी के अलावा डॉग लवर के लिए कई नस्लों के कुत्ते भी मुख्य आकर्षण में रहेंगे।