Desk ; काल का चक्र यह नहीं देखता है कि जिसको वह अपने आगोश में ले रहा उसकी उम्र क्या है, उसके परिवार पर उसका क्या प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा । यह सत्य भी है कि मृत्यु पर किसी का वश नहीं है ।लेकिन परिवार का भार जिस पर है उसी को दुनिया से जाना पड़े और परिवार को दुःखों के मजधार में रहना होगा इस विधान को प्रकृति को बदलना चाहिए ।
ये सारी बातों से बातें करते हुए शिक्षकों ने पूर्व बीआरपी और डुमराव प्रखंड के मध्य विद्यालय महावीर चबूतरा के नियोजित शिक्षक महेश प्रसाद यादव के आकस्मिक निधन पर कही ।विदित हो कि महेश प्रसाद यादव मध्य महावीर चबूतरा में बतौर नियोजित शिक्षक कार्यरत थे । परिवार का भरण पोषण करने तथा अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए पार्ट टाइम इंटर के बच्चों को पढ़ाते भी थे ।
पुरा परिवार इन्हीं पर पर आश्रित था ।एक बेटी मेडिकल की तैयारी कर रही थी लेकिन शिक्षक पिता की खराब तबियत पर सेवा करने के लिए कुछ दिनों से पढ़ाई छोड़कर घर आ गई थी ।लेकिन ईश्वर को कुछ और हीं मंजूर था ।कई दिनों तक आईसीयू में रहने के बाद शनिवार को दुनिया को अलविदा कह दिया ।
जैसे हीं उनका प्राण पखेरू उड़ा परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा ।मेडिकल की तैयारी कर रही बेटी चित्कार मार कर रो रही थी ।पत्नी का हाल बयां नहीं किया जा सकता है ।बेटा अलग हीं तड़प कर रो रहा ।मौजूद लोगों की आँखों से आसूओं की धार चल रही थी ।जैसे हीं शिक्षकों को उनकी मौत की खबर मिली शिक्षकों को काठ मार गया ।आँखों से आंसू बहने लगे ।
एक शिक्षाविद, कुशल शिक्षक साथी खोने का गम सता रहा है ।माध्यमिक शिक्षक सह शिक्षक संघर्ष मोर्चा बक्सर के अध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद, शिक्षक नेतृत्वकर्ता अमितेश कुमार,राम कुमार झुनू चंचल, जयप्रकाश शर्मा, राजेश कुमार, धनजी सिंह ,सुरेन्द्र सिंह, अवधेश कुमार, उदय सिंह, जनार्दन सिंह यादव, ब्रजभूषण सिंह ,प्रमोद कुमार, अनिल कुमार, शमशाद आलम, अमृत जायसवाल ,मनोज भगत,
बिहारी जी, चंद्रदेश सिंह, जय कुमार राय ,कैलाश प्रसाद गंगासागर यादव,पूर्व बीआरपी अशोक कुमार बीरेन्द्र कुमार ,श्री भगवान ठाकुर, पारीतोष कुमार, सुलेमान अंसारी, सुशील कुमार श्वेता सिंह ,परवेज आलम, सुधीर कुमार पाठक ,कमलेश प्रसाद, सत्येन्द्र कुमार, संतोष कुमार सिंह, विमल कुमार, बिनोद यादव, अमित कुमार ,अरूण कुमार ठाकुर, फूल कुमारी, ऋषिकेश कुमार, प्रमोद कुमार राय,आनंद कुमार सहित सैकड़ों शिक्षकों ने संवेदना प्रकट की ।