Patna : बिहार की गोपालगंज और मोकामा विधानसभा सीट की चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है. दोनों सीटों पर उपचुनाव के लिए तीन नवंबर को वोटिंग होगी और छह नवंबर को नतीजे आएंगे. नामांकन की आखिरी तिथि 14 अक्टूबर है. एनडीए सरकार टूटने और महागठबंधन सरकार बनने के बाद बिहार में यह पहला उपचुनाव हो रहा है. 2024 से पहले इसे सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है.
गोपालगंज से बीजेपी के विधायक और बिहार सरकार में मंत्री रहे सुभाष सिंह लंबे समय से बीमार थे. उनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. लगातार चार बार से वो जीत रहे थे. बीजेपी की यह परंपरागत सीट है. उपचुनाव में उनकी पत्नी कुसुम देवी को बीजेपी उम्मीदवार बना सकती है. सहानुभूति वोट के जरिए इस सीट को जीतने के लिए बीजेपी पूरी ताकत झोंकेगी. गोपालगंज लालू यादव का गृह जिला भी है. जातीय समीकरण के लिहाज से महागठबंधन की यहां स्थिति ठीक दिख रही है. जेडीयू इस सीट पर चुनाव लड़ सकती है. सूत्रों के अनुसार मंजीत सिंह को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. वह पूर्व विधायक हैं.
मोकामा सीट से अनंत सिंह की सदस्यता रद्द
बाहुबली अनंत सिंह मोकामा से विधायक थे. हथियार रखने के मामले में उनको सजा मिली है और उनकी सदस्यता चली गई है इसलिए उपचुनाव हो रहा है. आरजेडी यहां से उनकी पत्नी नीलम देवी को उम्मीदवार बना सकती है. यह भूमिहार बहुल इलाका है जहां से अनंत सिंह लगातार जीत रहे थे. बीजेपी इस सीट पर किसको उम्मीदवार बनाएगी अब तक तय नहीं हो पाया है. किसी भूमिहार को ही बीजेपी यहां प्रत्याशी बना सकती है. वैसे स्थानीय स्तर पर यहां बीजेपी के पास कोई मजबूत चेहरा नहीं है.
विजय सिन्हा को नेता प्रतिपक्ष बनाकर बीजेपी ने भूमिहार समाज को संदेश देने की कोशिश की है लेकिन उसका कितना लाभ इस उप चुनाव में मिलेगा यह देखने वाली बात होगी. बिहार बीजेपी के प्रवक्ता डॉक्टर राम सागर सिंह बीजेपी के पुराने नेता हैं. जमीन पर लगातार काम कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार टिकट पाने के लिए वह भी लगे हैं. बता दें कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद ललन सिंह के लिए मोकामा प्रतिष्ठा की सीट है, लेकिन अनंत सिंह से उनके संबंध ठीक नहीं हैं. ऐसे में आसानी से जेडीयू आरजेडी को यह सीट देगी ये भी देखने वाली बात होगी.