मोतिहारी/राजन द्विवेदी। जिले के रक्सौल थाना का किन्नरों का एक समूह ने करीब चार पांच घंटे घेराव कर नग्न प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि यहां हालात इस कदर बिगड गया कि सूचना पर स्थिति नियंत्रण के लिए रक्सौल थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक शशि भूषण ठाकुर को बिना वर्दी के ही गंजी पहनकर उन्हे समझाने निकलना पड़ा। हालांकि उनके पहल पर भी मामला शांत नहीं हुआ।
मामला क्षेत्र से बाहर के किन्नरों के द्वारा बधाई वसूलने व आतंक मचाने से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार दिल्ली व अन्य प्रदेश के किन्नर रक्सौल में आ धमके थे। जिसे रक्सौल के किन्नरों ने अपने क्षेत्राधिकार में दखल मान उनसे उलझ गये। इस सूचना पर स्थानीय किन्नरों का समूह ने विरोध किया। इस बीच स्थानीय किन्नरों के गुरु व दादी जैनम ने जब पूछताछ करने शहर के नागा रोड पहुंची, तो बाहरी किन्नरों का समूह से लडाई हो गया।
आरोप है कि रक्सौल के तुमड़िया टोला निवासी जैनब के साथ बाहरी किन्नरों ने मारपीट की और 50 हजार रुपये नकदी व चैन आदि छीन लिए। इस सूचना पर स्थानीय किन्नरों के समूह जैनब के समर्थन में आ धमका और बाहरी किन्नरों से मारपीट और बात जान लेने तक की हो गई। बाहरी किन्नर चार की संख्या में थे, जो भाग कर पुलिस की शरण में पहुंच गए। जबकि, स्थानीय किन्नर उन्हें बख्शने के मूड में नहीं थे।
आर-पार की बात कहते हुए उन्हें सबक सिखाने पर सभी तुले थे।सुरक्षा दृष्टि से रक्सौल पुलिस ने बाहरी किन्नरों के समूह को सुरक्षित किया और मामले के शांति पूर्ण समाधान के लिये पहल की। लेकिन, इस पर स्थानीय किन्नर भड़क गए और थाना का घेराव कर सैकड़ो की संख्या में पहुंचे किन्नर थाना परिसर तक में प्रवेश कर नग्न प्रदर्शन व अभद्र हरकत पर उतर गए।जिससे स्थिती विपरीत होने लगी।अधिकारियो-पुलिसकर्मियों ने डांट फटकार कर स्थिति नियंत्रण की कोशिश की। लेकिन, उनकी एक न चली।
उनका आरोप था कि पुलिस उल्टे हमे सता रही है।पिटाई कर रही है। जबकि, दोषियों को पैसा ले कर संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने मांग किया कि बाहरी किन्नरो को हमे सौप दिया जाए,ताकि,हम निपट सकें। उनका कहना था कि हमारा इलाका बंटा हुआ है। हम सौ वर्षों से रक्सौल क्षेत्र में है। बाहरी का दखल बर्दास्त नही होगा। हमारे इलाके की रक्षा व रोजी रोटी से जुड़ा मसला है।हम चुप नही बैठेंगे।
यह भी पढ़ें…
इसके बाद रक्सौल थानाध्यक्ष शशि भूषण ठाकुर को काफी समझाने के बाद किन्नरों ने यह शर्त रखा कि लिखित सहमति हो कि वे हमारे क्षेत्र को छोड़ कर वापस लौट जाएं। बाद में दोनो पक्षो को समझाने व लिखित समझौते के बाद मामला शांत हुआ, तब तक रक्सौल थाना के पुलिस अधिकारियो व कर्मियों की सांस अटकी रही और बेवजह फजीहत की स्थिति बनी रही।इधर,इस वाकये की चर्चा शहर में खूब रही और रक्सौल पुलिस के विरुध्द किन्नरों के आतंक को देखने भारी भीड़ उमड़ती रही।