चंपारण : जिला कृषि विभाग में लेखापाल पद पर हुई है फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पर बहाली : संजीव रंजन

पूर्वी चंपारण बिहार

कहा आरटीआई से मांगी गई सूचना अब तक उप्लब्ध नहीं, प्रथम अपील मुजफ्फरपुर संयुक्त निदेशक के यहां की गई अपील भी ठंडे बस्ते में

मोतिहारी, राजन द्विवेदी। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की जिला कृषि अधिकारी धज्जियां उड़ा रहे हैं। बीते वर्ष 2014-15 में बिहार कृषि विभाग द्वारा लेखापाल के पद पर बहाली हुई है। उक्त बहाली में बड़े पैमाने पर लेखापाल आवेदकों द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर मेधा सूची में अपना नाम अधिक अंक दिखाकर एवं गलत अनुभव प्रमाण पत्र ऑनलाइन संलग्न कर सूची में अपने नाम को वरीयता अंक प्राप्त किया गया है। उक्त बातें आरटीआई कार्यकर्ता संजीव रंजन ठाकुर ने बताया कि विभागीय सूत्रों के अनुसार पूर्वी चंपारण जिला कृषि विभाग में दर्जनों बहाली फर्जी अंक प्रमाण पत्र,अनुभव प्रमाण पत्र (सरकारी विभाग का अनुभव प्रमाण पत्र) के आधार पर की गयी है।

बताया कि दिनांक 05 जुलाई 22 को पूर्वी चंपारण के जिला कृषि पदाधिकारी से सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी गई कि लेखापाल प्रशांत कुमार प्रतिनियुक्त आत्मा कार्यालय पूर्वी चम्पारण के द्वारा बहाली के समय आवेदन (ऑनलाइन)के साथ संलग्न शैक्षिणिक प्रमाण पत्रों,अनुभव प्रमाण पत्रों, काउंसिलिंग सूची, मेधा सूची, चयनित सूची एवं नियोजन की गाईड लाईन की सत्यापित कॉपी उपलब्ध कराई जाय।

लेकिन अभी तक लोक सूचना अधिकारी सह कृषि अधिकारी पूर्वी चम्पारण ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। जिसके बाद प्रथम अपीलीय प्राधिकार सह संयुक्त निदेशक, तिरहुत प्रमंडल कृषि मुज़फ्फरपुर के यहां दिनांक 05 अगस्त 22 को अपील की गई है। लेकिन, विडंबना है कि अभी तक आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना तय समय पर उप्लब्ध नहीं करायी गई हैं। सुशासन बाबू के राज में अफसर बेलगाम हो गए है।