स्टेट डेस्क/पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बिहार पुलिस रेडियो कैंपस स्थित नवनिर्मित इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर लोकार्पण किया। लोकार्पण के पश्चात् इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं एवं कार्य प्रणाली की जानकारी ली।
निरीक्षण के दौरान वरीय पुलिस अधिकारियों ने इस प्रणाली के संबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति जैसे अपराध की घटना, आगजनी, वाहन दुर्घटना की स्थिति या महिला, बच्चों एवं वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा से संबंधित बात हो तो बिहार के किसी भी कोने से कोई भी व्यक्ति एकल नंबर 112 पर निःशुल्क कॉल (फोन / मोबाईल से) कर सकता है। सभी कॉल पटना स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में प्राप्त होंगे और आवश्यकतानुसार पीड़ित व्यक्ति को सहायता उपलब्ध कराने के लिए 15-20 मिनट के अन्दर इमरजेंसी रिस्पॉन्स वाहन / गाड़ी घटना स्थल पर भेज दिये जायेंगे।
पटना स्थित उच्चस्तरीय केंद्रीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर 24 घंटे कार्यरत रहेगा। इस कंट्रोल सेन्टर में प्रत्येक पाली (शिफ्ट) में 90 महिला पुलिसकर्मी कॉल रिसीव करने वाले 24 ऑफिसर कॉल के बाद आगे की कार्रवाई करने के लिए तथा 2 अधिकारी कॉल सेन्टर को सुपरवाईज करने के लिए रहेंगे। प्रत्येक पाली 8 घंटे की होगी। प्रत्येक इमरजेंसी वाहन में एक पुलिस पदाधिकारी सहित 3-4 सशस्त्र जवान तैनात रहेंगे। इन वाहनों का कार्यक्षेत्र (जोन) निर्धारित किया गया है जिससे कि वे अपने क्षेत्र के अन्तर्गत कोई भी घटना होने पर अधिकतम 20 मिनट में स्थल पर पहुँच सकें।
इन वाहनों को वैसे चिन्हित स्थलों पर प्रतिनियुक्त किया गया है जहाँ इसकी उपयोगिता अधिकतम हो और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी सुविधा मिल सके। प्रत्येक गाड़ी में आधुनिक कैमरे, जी०पी०एस० इत्यादि लगाये गये हैं जिससे घटनास्थल पर पहुंचने के बाद घटनास्थल का फोटोग्राफ एवं वीडियो लेने का प्रावधान किया गया है एवं इसे पटना स्थित कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर में भेजा जाता है। प्रत्येक घटना के निष्पादन के उपरांत पटना स्थित कमांड सेंटर के सुपरवाईजर द्वारा पीड़ित व्यक्ति से फीडबैक भी लिया जायेगा। गंभीर घटनाओं की सूचना वरीय पदाधिकारियों को भी दी जायेगी। इसके अलावा पटना के कंट्रोल सेन्टर से सभी वाहनों लोकेशन (वाहन की स्थिति) की मॉनिटरिंग की जायेगी।
पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रथम चरण में 400 इमरजेंसी रिस्पॉन्स गाड़ियाँ क्रय की गई है। इन गाड़ियों से पटना जिले सभी निर्धारित स्थलों और अन्य जिलों के जिला मुख्यालय एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर गाड़ियों को तैनात करने की व्यवस्था की गयी है। इस परियोजना के प्रथम चरण पर 176 करोड़ रूपये की लागत आयी है। अगले चरण में बिहार के सभी क्षेत्रों को कवर किये जाने की योजना है जिस पर कार्य भी शुरू हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इसकी शुरुआत हो रही है, यह अत्यंत खुशी की बात है। आपातकालीन स्थिति के लिए इमरजेंसी रिस्पांस वाहनों की सेवाएं आम नागरिकों के लिए शुरु की जा रही हैं, इन वाहनों के लिए 112 नंबर जारी किया गया है। इन वाहनों को पटना जिले के सभी निर्धारित स्थलों और अन्य जिलों के जिला मुख्यालयों एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर गाड़ियों को तैनात करने की समुचित व्यवस्था करें। दूसरे चरण के लिए जितनी अतिरिक्त गाड़ियों और मानव बल की आवश्यकता है उसकी अविलंब व्यवस्था कराएं। साथ ही गाड़ियों के अलावे 500 मोटरसाईकिलें भी रखी जाएँ, जिससे कार्यक्षमता और दक्षता और बेहतर हो सकेगी। ने मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पुलिस मुख्यालय द्वारा एक गाड़ी में दो पुलिस बल का प्रस्ताव किया गया था, उस वक्त हमने कहा था कि हर गाड़ी में तीन से चार पुलिस बल रहें। यह अत्यंत खुशी की बात है कि हर गाड़ी में 3 4 पुलिस बल तैनात किए जा रहे हैं, जिससे समस्याओं का समाधान और बेहतर तरीके से हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 112 कॉल सेंटर में कार्यरत सभी कर्मी महिलाएं हैं, जो दक्षता साथ सभी कार्यों को सकुशल तरीके से हैंडल कर रही हैं। यह बहुत खुशी की बात है कि आज महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में एक और नया अध्याय जुड़ गया है।।उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति जैसे अपराध की घटना, वाहन दुर्घटना, आगजनी या अन्य कोई आपदा हो तो इस सबमें एकल नंबर 112 पर निःशुल्क कॉल कर इस सेवा का उपयोग किया जा सकता है। 112 नंबर का व्यापक प्रचार प्रसार करते रहें। यह काफी अच्छी व्यवस्था है इसमें आने वाले समय में काफी संख्या में कॉल आएंगे, यह और लोकप्रिय होगा। अतः इस बात का ध्यान रखा जाए कि सभी कॉल्स का सही तरीके से निर्धारित समय में निष्पादन हो और लोगों को ससमय सहायता मिले। इससे लोगों का पुलिस और प्रशासन पर भरोसा और बढ़ेगा।
वरीय पदाधिकारी इसकी लगातार मॉनिटरिंग करते रहें ताकि लोगों को किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। लगातार मॉनिटरिंग से यह व्यवस्था और अच्छी तथा सुदृढ़ होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इसके सफल क्रियान्वयन की शुभकामनायें देता हूं साथ ही इसकी शुरुआत करने के लिए पुलिस अधिकारी एवं कर्मियों को धन्यवाद देता हूं और उम्मीद करता हूं कि आपातकालीन स्थिति में सभी इमरजेंसी रिस्पॉन्स वाहन बिहार के लोगों की सहायता के लिए अच्छे ढंग से कार्य करेंगे। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने एक अणे मार्ग से आपातकालीन स्थिति में तत्काल सहायता के लिए इमरजेंसी रिस्पांस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर पटना जिले के सभी निर्धारित स्थलों एवं अन्य जिलों के जिला मुख्यालयों के लिए रवाना किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एस०के० सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, सचिव गृह जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण आलोक राज, पुलिस महानिदेशक-सह- बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक विनय कुमार, ए०डी०जी० पुलिस मुख्यालय जे ०एस० गंगवार, ए०डी०जी० स्पेशल ब्रांच सुनील कुमार, ए०डी०जी० सी०आई०डी० जितेन्द्र कुमार, आई०जी० मुख्यालय- सह-आई०जी० वायरलेस एवं तकनीकी सेवा गणेश कुमार, जिलाधिकारी, पटना चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना मानवजीत सिंह ढिल्लो सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
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