भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी की बैठक 1-3 दिसंबर को मुजफ्फरपुर मे, आज जिला कमिटी की बैठक में तैयारी को लेकर बनी योजना

बिहार मुजफ्फरपुर

Muzaffarpur,Befoteprint : भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी की बैठक 1-3 दिसंबर को मुजफ्फरपुर में होगी। अगले साल 15-20 फरवरी को पटना में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय महाधिवेशन के पूर्व केन्द्रीय कमिटी की यह महत्वपूर्ण बैठक होगी। बैठक में महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य,पॉलिट ब्यूरो सदस्य,सभी राज्यों के राज्य सचिव सहित सभी विभागों के राष्ट्रीय प्रभारी भाग लेंगे। तैयारी की योजना बनाने के लिए मुजफ्फरपुर जिला कमिटी की बैठक आज दीवान रोड स्थित किरणश्री भवन में केन्द्रीय कमिटी सदस्य मीना तिवारी के नेतृत्व में आयोजित हुई। बैठक मे जिला सचिव कृष्णमोहन, नगर सचिव सूरज कुमार सिंह, राज्य कमिटी सदस्य जितेंद्र यादव, शत्रुघ्न सहनी, आफताब आलम सहित रामबालक सहनी, रामनंदन पासवान, मनोज यादव, रामबली मेहता, राजेश रंजन, विमलेश मिश्र, असलम रहमानी, विन्देश्वर साह, होरिल राय, शर्मिला देवी, कुसुमी देवी, विश्वकर्मा शर्मा, वीरबहादुर सहनी, वीरेन्द्र पासवान, संजय दास, विवेक कुमार, दीपक कुमार, रौशन कुमार सहित अन्य सदस्य शामिल थे।

बैठक को संबोधित करते हुए मीना तिवारी ने कहा कि मुजफ्फरपुर में आयोजित केन्द्रीय कमिटी की बैठक में उत्तर बिहार सहित राज्य में माले का राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने के साथ बिहार में महागठबंधन के सफल प्रयोग को देश के स्तर पर मजबूत करने पर जोर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा और मोदी सरकार बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने से भयभीत है। उसको लगने लगा है कि बिहार का महागठबंधन प्रयोग देश के स्तर पर सफल होता है तो आने वाले चुनाव में उसकी हार पक्की है। इसके कारण बिहार सहित देश में सांप्रदायिक उन्माद-उत्पाद बढ़ाने तथा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर आंदोलनकारी ताकतों और विपक्ष पर हमला करने में जुटी हुई है। लेकिन महंगाई और बेरोजगारी त्रस्त जनता और वाम-लोकतांत्रिक ताकतें मोदी सरकार की साजिश को निश्चित नाकाम कर देगी।

माले की बैठक में नगर निकाय चुनाव पर कोर्ट के आदेश और फिर चुनाव स्थगित कर देने पर चिंता जाहिर की गई।आरक्षण के आधार पर अविलंब चुनाव कराने पर जोर दिया गया।

सरकार से मांग की गई कि नौजवानों को बड़े पैमाने पर रोजगार देने की गारंटी की जाए, सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लाई जाए, गरीबों के लिए वास-आवास और रोजगार की व्यवस्था की जाए तथा अपराध पर सख्ती से रोक लगाई जाए। माले की बैठक में जनता के हितों के लिए शहर से गांव तक आंदोलन और तेज करने की भी योजना बनाई गई।