जागरूकता के लिए मनाया जा रहा डेंगू व चिकनगुनिया माह 

बिहार बेतिया

-छह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बुधवार को हुआ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन 

बेतिया, प्रतिनिधि। बरसात के आते ही डेंगू, चिकुनगुनिया एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों का प्रकोप बढ़ने लगता है। लोग इस बीमारी से बचें, इसके लिए पूरे जिले में डेंगू और चिकनगुनिया माह मनाया जा रहा है। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी हरेंद्र कुमार ने बताया कि मच्छरों के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जेई की बीमारी हो सकती है। इन बीमारियों के लक्षण, उपचार और बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग सतर्क है।

साफ पानी में पनपता है मच्छर-
डीवीडीएस डॉ. सुजीत कुमार वर्मा ने बताया कि डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर साफ पानी में पनपते हैं तथा दिन में ही काटते हैं। इससे बचाव के लिए घर के आस-पास टूटे-फूटे बर्तन, टायर या ड्रम इत्यादि नहीं रखना चाहिए। इसमें बारिश का पानी जमा हो जाता है जो खतरनाक है। कूलर या रेफ्रिजरेटर का पानी प्रतिदिन बदलना चाहिए। फूलों के गमलों में भी पानी जमा नहीं होने देना चाहिए। घर के आस-पास सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर एस्प्रिन या ब्रूफेन ग्रूप की दवा नहीं लेनी चाहिए। साथ ही चिकित्सकीय परामर्श शीघ्र लेनी चाहिए।

डॉ. सुजीत कुमार वर्मा ने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए जागरुकता वाहन के साथ लेागों के बीच हैंड बिल और पैंपलेट बांटा जा रहा है। स्वास्थ्य केंद्रों पर फ्लैक्स और बैनर लगाए गए हैं। इसके अलावा आशा द्वारा भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। बारिश का मौसम डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के लिए सबसे अनुकूल होता है। बरसात में इन बीमारियों के फैलने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में इससे बचाव के लिए जागरूकता आवश्यक है। डीवीडीएस अरूण कुमार ने बताया कि जिले के बेतिया, सिकटा, योगापट्टी, बगहा, लौरिया, बैरिया, मझौलिया, नरकटियागंज आदि स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू चिकनगुनिया माह मना कर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

डेंगू के लक्षण:
डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार आना, आंखों के पीछे तेज दर्द, मतली या उल्टी आना, मांसपेशियों व हड्डियों और जोड़ों में दर्द आदि शामिल हैं।

डेंगू की ऐसे करें रोकथाम:
डेंगू के रोगियों के लिए मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें ताकि उन्हें  मच्छर के काटने एवं बीमारी के फैलाने से बचाया जा सके। घरों के आसपास पूर्ण साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें। कचरे को अपने आवास से दूर फेंके। घरों के कूलर, टेंकर, ड्रम, बाल्टी आदि में  पानी नहीं जमने दें।