मोतिहारी/राजन द्विवेदी। पूर्वी चम्पारण हरसिद्धि में दो दिन पहले आरटीआई कार्यकर्ता स्व विपिन अग्रवाल के पुत्र रोहित अग्रवाल के आत्महत्या मामले में डीआईजी ने खुद से जाकर संज्ञान लिया है। इस मामले में मोतिहारीं पहुंचने के बाद डीएम व एसपी के साथ घटना स्थल पर पहुच पुरे मामले कि जानकारी ली साथ ही पीड़ित परिवार से बात भी किया।
पीड़ित परिवार से मिलने के बाद डीआईजी ने कल के एसपी के बयान को खारिज करते हुए साफ कर दिया की रोहित ने आत्महत्या ही किया है। आज विपिन अग्रवाल कि पत्नी ने भी डीआईजी को दूसरा आवेदन लिख कर दी साथ ही पीड़ित परिवार ने इस पुरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने कि मांग की। वही आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल कि हत्या को लेकर उनकी पत्नी मोनिका देवी ने डीआईजी से कही की उनके पति कि हत्या का साजिस रचने वाले आज भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर है।
उन्हें न्याय अभी तक नहीं मिला है। इसी को लेकर पीड़ित परिवर पुलिस से बार बार गुहार लगा रहे थे और अंततः सिस्टम से आजिज आकर विपिन के पुत्र ने मौत को गले लगा लिया। मौके पर पहुंचे डीआईजी व डीएम से विपिन अग्रवाल के पिता ने कहा कि उनका पुत्र सरकारी जमीन को अतिक्रमण कारियों से मुक्त कराने के लिये लड़ते लड़ते हत्यारों का शिकार बन गए।
इस लिये उनके पुत्र को शहीद का दर्जा दिया जाए और उनकी मूर्ति भी स्थापित कि जाए। इस पूरे प्रकरण का जांच करने पहुंचे चम्पारण क्षेत्र के डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण ने कहा कि ये घटना काफी दुखद है लेकिन इस मामले की जांच एकबार फिर से की जाएगी और दोषियों को किसी भी हाल में बख्सा नहीं जाएगा। हलाकि डीआईजी ने कहा कि इस मामले में कुछ लोग गिरफ्तार होकर सलाखों में बंद है साथ ही कुछ लोगो पे अभी जाँच चल रही है।
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