‘खरीफ प्याज उत्पादन तकनिकी’ विधा से संबधित विभिन्न आयामों पर प्रशिक्षण शुरू
Buxar, Vikrant : राज्य सरकार के कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान के सौजन्य से वीर कुंवर सिंह कृषि कालेज, डुमरांव के सभागार में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षिण शिविर गुरूवार को आरंभ हुआ। ‘खरीफ प्याज उत्पादन तकनीक’ बिषय पर आयोजित प्रशिक्षण शिविर का उदघाटन कृषि अभियंत्रिकी कालेज के प्राचार्य प्रो.जे.पी.सिंह एवं कृषि कालेज के प्राचार्य डा.रियाज अहमद नें संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। इस मौंके पर प्राचार्य सह वैज्ञानिक प्रो.सिंह ने कृषि विधा से संबधित विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला और कहा कि प्याज एक नकदी फसल है। प्याज में विटामीन सी एवं फास्फोरस पौष्टिक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। प्राचार्य डा.अहमद नें कहा कि देश व प्रदेश में रबी एवं खरीफ ऋतु में प्याज की खेती की जाती है। लेकिन खरीफ ऋतु में प्याज की खेती के दरम्यान ज्यादा समस्याएं आती है। समस्याओं के निदान को लेकर बामेति द्वारा कृषि अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है।
उद्यान विभाग के वरीय वैज्ञानिक डा.धनंजय कुमार सिंह ने कहा कि खरीफ प्याज के लिए नर्सरी तैयार करते समय तापमान का अधिक ख्याल करने की जरूरत होती है। चूंकि दिन में तापमान अधिक रहता है। अचानक बारिस होने पर तापमान में अधिक गिरावट आ जाती है। नतीजतन नर्सरी को नुकसान का भी डर बना रहता है। वैज्ञानिक डा.सिंह ने किसानों के प्रति मशविरा व्यक्त करते हुए नर्सरी तैयार करने से पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार करने की जरूरत पड़ती है। ताकि पौधा प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर सके। महिला वैज्ञानिक डा.नीतू सिंह नें खरीफ ऋतु में प्याज की खेती करने पर प्रति हेक्टेयर 70 से 95 हेक्टेयर उत्पादन होने की प्रबल संभावना रहती है। दिसम्बर में प्याज का मूल्य अधिक एवं खपत भी अधिक होती है। ऐसे में खरीफ प्याज का उत्पादन निश्चित तौर पर वरदान साबित हो सकता है।
प्रथम दिन प्रशिक्षण शिविर का संचालन प्रशिक्षण कोर्स की निदेशिका डा.नीतू कुमारी सिंह ने किया।अंत में समन्वयक पवन शुक्ला ने सभी 30 प्रशिक्षणार्थियों के प्रति आभार व धन्यवाद ज्ञापित किया।इसके पूर्व शिविर प्रभारी डा.अरबिंद कुमार जैन नें सूबे के विभिन्न सात जिला में पटना, गया, भोजपुर, सारण, बक्सर, कैमूर एवं औरंगाबाद के शामिल प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत किया। इस मौंके पर वरीय वैज्ञानिक डा.बिनोद कुमार सिंह, उद्यान पुष्प वैज्ञानिक डा.एस.आर.पी.सिंह, लेखा पदाधिकारी नरेन्द्र कुमार राम, प्रणव पांडेय, ई.विकास चंद्र वर्मा एवं वैज्ञानिक शिव कुमार चैधरी सहित महाविद्यालय परिवार के अन्य कई सदस्य मौजूद थे।