-विभिन्न सरकारी योजनाओं से इच्छुक किसानों को लाभान्वित करें
-थरुहट क्षेत्र के विभिन्न गांवों में मशरुम, बासमती, आनंदी चावल उत्पादन का जिला पदाधिकारी ने किया निरीक्षण
-उत्पादकों, किसानों से जिला पदाधिकारी ने विस्तृत वार्ता कर, पदाधिकारियों को योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का निदेश दिया
बेतिया/अवधेश कुमार शर्मा। पश्चिम चम्पारण जिला के चनपटिया में स्टार्टअप जोन की सफलता से उत्साहित जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने थरुहट के विभिन्न गाँवों यथा-हरनाटांड़, मिश्रौली, संतपुर, सोहरिया व अन्य गांवों का भ्रमण किया। इस दौरान मशरुम, आनंदी/बासमती चावल उत्पादन एवं मधुमक्खी पालन करने वाले कृषकों से वार्तालाप कर, उनसे फीडबैक लिया एवं उनसे प्राप्त जानकारी पर कार्य योजना तैयार करने पर विचार किया।
जिला पदाधिकारी ने उपस्थित पदाधिकारियों से कहा कि मशरुम उत्पादन, आनंदी/बासमती चावल उत्पादन एवं मधुमक्खी पालन करने वाले कृषकों को प्रोत्साहित करें। जिससे उनलोगों को रोजगार मिले, गाँव के लोग आत्मनिर्भर हो सके। उन्होंने निदेश दिया कि संबंधित योजनाओं का आमजन के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें, पदाधिकारी, ऐसा प्रयास करें कि इच्छुक व्यक्तियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, उन्हें सभी संभव सहायतादें।

जिला उद्यान पदाधिकारी विवेक भारती ने बताया कि बगहा-02 प्रखंड अंतर्गत संतपुर सोहरिया पंचायत के संतपुर में महेश काजी, सतेंद्र सिंह, प्रियंका देवी एवं अन्य ग्रामीणों को मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करते हुए शहद उत्पादन को आवश्यक संसाधन समेत रानी मक्खी उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष उस गांव में समूह में कृषक मधुमक्खी पालन प्रारंभ किया है।

विभाग से उन कृषकों को मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के मधुमक्खी पालन योजना अंतर्गत अनुदानित दर पर मधुमक्खी का बक्सा उपलब्ध कराया गया है। योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को सरकारी संस्थान से कम से कम 03 दिवसीय प्रशिक्षण का होना अनिवार्य है। उन कृषकों को कृषि विज्ञान केंद्र, माधोपुर की सहायता से प्रशिक्षण दिया गया है।जिला पदाधिकारी ने मधुमक्खी पालन स्थल का निरीक्षण किया। मधुमक्खी पालकों से इसके विषय में पूरी जानकारी प्राप्त किया। जिला पदाधिकारी ने उनसे शहद उत्पादन बढ़ाने को प्रोत्साहित भी किया।
जिससे थरुहट के अन्य उत्पादों के साथ वहां के शहद को देश के अन्य क्षेत्र में भेजी जा सके। उन्होंने चावल उत्पादक महिला-पुरुष किसानों से बात कर बासमती और आनंदी चावल उत्पादन की पूरी जानकारी प्राप्त किया। उन्होंने किसानों से कहा कि बासमती और आनंदी चावल थरुहट की पहचान है। इसलिए इसकी परंपरागत खेती की आवश्यकता पर बल दिया। जिससे थरुहट की परंपरा व पहचान बनी रहेगी।
उन्होंने कहा कि थरुहट के समग्र विकास के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन सदैव तत्पर और कृतसंकल्पित है। इस दिशा में जिला प्रशासन तेजी से कार्य कर रहा है। थरुहट के लोगों को जिला प्रशासन सभी संभव सहयोग देने को तैयार है। जिससे उनका विकास और उनके विभिन्न उत्पाद को सुरक्षित बाजार मिल सके। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त अनिल कुमार, एसडीएम बगहा दीपक मिश्र, डीसीएलआर मो इमरान व अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें…